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Chapter Analysis
Intermediate20 pages • HindiQuick Summary
यह अध्याय उपभोक्ता अधिकारों की चर्चा करता है और बताता है कि कैसे उपभोक्ता अपनी सुरक्षा और विभिन्न सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसमें उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 और बाद के संशोधन के बारे में चर्चा की गई है। उपभोक्ता संघर्षों के निदान के लिए सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर बनाए गए तंत्रों का भी वर्णन किया गया है। अध्याय का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना और बाजार में उनके हितों की रक्षा करना है।
Key Topics
- •उपभोक्ता अधिकार
- •उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
- •उपभोक्ता संघर्षों का निपटारा
- •उपभोक्ता कोर्ट के स्तर
- •उपभोक्ताओं की जागरूकता
- •उपभोक्ता सुरक्षा के उपाय
Learning Objectives
- ✓छात्र उपभोक्ता अधिकारों की पहचान कर सकें।
- ✓उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की मुख्य विशेषताओं को समझ सकें।
- ✓उपभोक्ता संघर्षों के समाधान के उपाए जान सकें।
- ✓बाजार में उपभोक्ता के रूप में अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें।
Questions in Chapter
भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरूआत किन कारणों से हुई? इसके विकास के बारे में पता लगाएं।
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उपभोक्ता जागरूकता की जरूरत क्या है?
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Additional Practice Questions
किसी वस्तु की गुणवत्ता को तय करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
mediumAnswer: वस्तु के पैकेज पर दिए गए विवरण को ध्यान से पढ़ना और आवश्यक प्रमाणपत्र देखना सबसे अच्छा तरीका है। इससे वो गुणकारी है या नहीं, इसका पता चलता है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 का क्या महत्व है?
easyAnswer: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 का महत्व इस बात में है कि यह उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों की पूरी जानकारी और लाभ प्राप्त करने के अवसर प्रदान करता है।
आपको कैसे पता चलेगा कि आपका कोई अधिकार छीन लिया गया है?
mediumAnswer: यदि कोई वस्तु या सेवा खरीदने के बाद वह दी गई गुण और मूल्य के अनुसार नहीं होती है, तब आप उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन का निपटारा कर सकते हैं।
उपभोक्ता न्यायालय के तीन स्तर क्या हैं?
easyAnswer: उपभोक्ता न्यायालय के तीन स्तर होते हैं: जिला स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर।
उपभोक्ताओं की जागरूकता बढ़ाने के उपाए क्या हो सकते हैं?
hardAnswer: उपभोक्ताओं की जागरूकता बढ़ाने के लिए मीडिया, जागरूकता शिविर और शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में सूचित करना चाहिए।