Chapter 2: तुलसीदास

Hindi - Kshitij • Class 10

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Chapter Analysis

Intermediate16 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में तुलसीदास की जीवन यात्रा और उनकी साहित्यिक कृतियों का वर्णन है। तुलसीदास की कृतियाँ रामभक्ति पर आधारित हैं और उन्होंने अवधी भाषा में कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथों की रचना की। उनकी लेखनी ने भारतीय समाज में नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। तुलसीदास की कालजयी कृतियाँ जैसे कि 'रामचरितमानस' ने उन्हें अमर बना दिया।

Key Topics

  • तुलसीदास का जीवन परिचय
  • रामचरितमानस का महत्व
  • भक्ति आंदोलन में तुलसीदास का योगदान
  • तुलसीदास की साहित्यिक शैली
  • रामायण के कथा तत्व
  • रामभक्ति और भारतीय समाज
  • तुलसीदास की अन्य रचनाएँ
  • रामचरितमानस का प्रभाव

Learning Objectives

  • तुलसीदास के जीवन और कार्यों का परिचय प्राप्त करना।
  • उनकी प्रमुख रचनाओं के सार तत्वों को समझना।
  • भक्ति आंदोलन में उनकी भूमिका का आकलन करना।
  • तुलसीदास की लेखन शैली की विशेषताओं को पहचानना।
  • रामचरितमानस के सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव को समझना।

Questions in Chapter

1- इज्यख़ारका के दौरान यमक को किन-किन प्रकारों में बाँटा जा सकता है?

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2- इज्यख़ारका में यमक और अनुप्रास के प्रकारों का वर्णन करें।

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3- यमक के विविध प्रकार और इसके विभिन्न उदाहणों का वर्णन करें।

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Additional Practice Questions

तुलसीदास के जीवन का एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करें।

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Answer: तुलसीदास का जन्म उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले में स्थित राजापुर गाँव में हुआ था। वे रामभक्ति के प्रमुख कवि थे और उनकी प्रमुख न्याय रचनाएँ 'रामचरितमानस', 'विनय पत्रिका', आदि हैं।

तुलसीदास की कृतियों का भारतीय समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?

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Answer: तुलसीदास की कृतियाँ समाज में नैतिकता, भक्ति और धार्मिकता की भावना को प्रोत्साहित करती हैं। 'रामचरितमानस' ने विशेष रूप से साक्षर और निरक्षर जनों में राम के आदर्श को फैलाया।

तुलसीदास की 'रामचरितमानस' का विशेष महत्व क्या है?

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Answer: 'रामचरितमानस' तुलसीदास की कालजयी रचना है जो रामायण की कहानियों को सरल भाषा में प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक घर-घर में पूजी जाती है और इसकी सरल भाषा के कारण यह आमजन में बेहद लोकप्रिय है।

तुलसीदास की अन्य प्रसिद्ध रचनाओं का उल्लेख करें।

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Answer: तुलसीदास की अन्य प्रमुख रचनाएँ 'विनय पत्रिका', 'सतसई', 'दोहावली' और 'कवितावली' हैं। इन कविताओं में भक्ति, नीति और दर्शन का सम्मिश्रण है।

तुलसीदास के समय का सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य कैसा था?

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Answer: तुलसीदास के काल में मुगल शासन का प्रभाव था। भारतीय संस्कृति और परम्पराओं के संरक्षण के लिए तुलसीदास और उनके जैसे संत अपनी रचनाओं में समाज को नैतिक मूल्य सिखाते थे।