Chapter 2: सपनों के-से दिन

Hindi - Sanchayan • Class 10

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Chapter Analysis

Intermediate9 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में लेखक ने उन दिनों का वर्णन किया है जो उन्हें बहुत ही सुंदर लगते थे। भागते-दौड़ते खेलों की दुनिया में खोए हुए, सारे बच्चे उस आजादी का अनुभव करने लगते थे जो उनके लिए अकल्पनीय थी। इस स्वतंत्रता का अनुभव लेखक के लिए न केवल खुशियों से परिपूर्ण था, बल्कि इसका असर भी गहरा हुआ करता था।

Key Topics

  • बचपन की आजादी
  • खेलों का महत्व
  • अनुशासन का प्रभाव
  • बचपन की मीठी यादें
  • सामूहिकता की भावना
  • शिक्षा का अनुभव

Learning Objectives

  • बचपन की स्वतंत्रता के महत्व को समझना
  • खेल और शारीरिक शिक्षा का बच्चों के जीवन में स्थान
  • अनुशासन और नेतृत्व क्षमता का विकास
  • सामूहिकता और सहयोग की भावना को उत्पन्न करना
  • बचपन की महत्वपूर्णताओं को समझना

Questions in Chapter

कोई भी भाषा आपसी व्यवहार में बाधक नहीं बनती—पाठ के किस अंश से यह सिद्ध होता है?

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पीटी साहब की ‘चक्की’ फौजों के परेडों-सी क्यों लगती थी? स्पष्ट कीजिए।

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नई श्रेणी में जाने और नई किताबों और पुरानी विद्रूपताओं से आता विशेष गंध से लेखक का जन्म क्यों मचल उठता था?

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Additional Practice Questions

पाठ में वर्णित घटनाओं के आधार पर पीटी साहब की प्रबन्धकीय विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

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Answer: पीटी साहब की प्रबन्धकीय विशेषता काफी अनुशासनिक थी। वे बच्चों को कठोरता से परेड करवाते थे और उनकी हैरानियों को भी समझते थे। इससे सभी बच्चों में एक सख्ती का पालन होने लगा।

लेखक के अनुसार बच्चों के जीवन में बचपन का वह समय कैसे महत्व रखता है?

easy

Answer: लेखक बताते हैं कि बचपन में मिली आजादी और खेल उनके लिए संतोषजनक अनुभूति थी, जो उन्हें जिम्मेदारियों से मुक्त कर देती थी। यह समय उनके भविष्य के विकास का आधार बना।

बचपन के खेलों के अनुभव को लेखक ने किस प्रकार से व्यक्त किया है?

easy

Answer: लेखक ने बचपन के खेलों को अत्यधिक प्रेम से स्मरण करते हुए उनमें आजादी और उमंग का अनुभव व्यक्त किया है। यह समय उनके लिए चिंता मुक्त और खुशनुमा हुआ करता था।

स्कूल के पीटी अभ्यास का बच्चों पे क्या असर होता था?

medium

Answer: पीटी अभ्यास से बच्चे अनुशासित होते थे। इससे उनकी शारीरिक शक्ति बढ़ती थी और सामूहिकता की भावना का विकास होता था।

लेखक का बचपन के उन दिनों के प्रति क्या दृष्टिकोण है?

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Answer: लेखक के लिए वह समय बेहद मूल्यवान था। वे उसे हास्यपूर्ण और आनंददायक मानते हैं। बचपन के उन लम्हों की यादें उनके मन पर स्थायी छाप छोड़ चुकी हैं।