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Chapter Analysis
Intermediate20 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में औद्योगिक क्रांति और उसके द्वारा उत्पन्न परिवर्तनों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। यह दर्शाता है कि कैसे नई तकनीकों ने हस्तशिल्प और कृषि पर निर्भर अर्थव्यवस्था को बदल कर औद्योगिक उत्पादन को बढ़ावा दिया। अध्याय में उन्नीसवीं सदी के आरंभ में कपड़ा उद्योग के विकास और उसकी चुनौतियों का वर्णन किया गया है। एंग्लोइंडियन इतिहास में उद्योगों के आरंभ में प्राथमिक अवसंरचना विकास और जापानी प्रतिस्पर्धा पर भी ध्यान दिया गया है।
Key Topics
- •औद्योगिक क्रांति का इतिहास
- •मशीनों के विकास का प्रभाव
- •उद्योगों का अवसंरचना विकास
- •वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा
- •भारतीय आर्थिक व्यवस्था में परिवर्तन
- •यूरोप और एशिया के बीच आर्थिक संबंध
Learning Objectives
- ✓औद्योगिक क्रांति के प्रमुख कारणों को समझना
- ✓औद्योगिक विकास में मशीनों की भूमिका का विश्लेषण करना
- ✓औद्योगिक क्रांति के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों का मूल्यांकन करना
- ✓भारतीय उद्योगों पर औपनिवेशिक शासन के प्रभाव का आकलन करना
- ✓वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भारत की स्थिति को समझना
Questions in Chapter
मशीनों के आगमन के कारण ब्रिटेन कैसे औद्योगिक क्रांति का केंद्र बना?
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भारतीय उद्योगों के विकास में औपनिवेशिक शासन की भूमिका क्या थी?
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ब्रिटिश वस्त्र व्यापार पर भारतीय हथकरघा उद्योग का क्या प्रभाव पड़ा?
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Additional Practice Questions
औद्योगिक क्रांति का भारत की पारंपरिक अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा?
mediumAnswer: औद्योगिक क्रांति के चलते पारंपरिक कृषि और हस्तशिल्प पर आधारित अर्थव्यवस्था में कमी आई, और लोग शहरों की ओर रोजगार की खोज में प्रवास करने लगे। नए उद्योगों की स्थापना से कृषि पर निर्भरता कम हुई और उत्पादन में बढ़ोतरी हुई।
कपड़ा उद्योग के तकनीकी विकास ने वैश्विक व्यापार पर क्या प्रभाव डाला?
hardAnswer: कपड़ा उद्योग में तकनीकी विकास से उत्पादन की लागत कम हुई और गुणवत्ता में सुधार हुआ, जिससे वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा बढ़ी। इससे ब्रिटेन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कपड़ा व्यापार में प्रमुख स्थान प्राप्त किया।