Chapter 13: मिश्रिताभ्‍यास:

Sanskrit - Abhyaswaan Bhav • Class 10

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Chapter Analysis

Intermediate7 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में संस्कृत भाषा के मिश्रित अभ्यास का परिचय दिया गया है। विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के वाक्य परिवर्तन, समास विग्रह, संधि-विच्छेद, तथा संस्कृत वाक्य निर्माण के अभ्यास शामिल हैं। इस अध्याय का उद्देश्य विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा की संरचना और प्रयोग के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराना है। यह अध्याय संस्कृत भाषा के प्रति विद्यार्थियों की समझ को गहरा करने पर केंद्रित है।

Key Topics

  • संस्कृत भाषा का परिचय
  • वाक्य परिवर्तन
  • समास विग्रह
  • संधि-विच्छेद
  • क्रियावाच्य
  • वाक्य रचना
  • भाषा शुद्धि
  • अभ्यास

Learning Objectives

  • संस्कृत वाक्य संरचना समझना
  • समास और संधि के प्रकारों का वर्णन करना
  • सही वाक्य रचनाएँ बनाना
  • भाषा की शुद्धि में कुशलता प्राप्त करना
  • पाठ में दिए गए प्रश्नों के उत्तर दे पाना
  • संस्कृत के व्याकरणिक नियमों को समझना

Questions in Chapter

प्रसाद केषाम् हर्ते भविष्यति?

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के दूर्योधः करिष्यन्ति?

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दुर्भिक्षः इह कथं सम्भवति?

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Additional Practice Questions

समास का तात्पर्य क्या होता है?

medium

Answer: समास का तात्पर्य दो या अधिक शब्दों के मेल से बने हुए एक नए शब्द से होता है। यह संस्कृत में विशेष रूप से संक्षिेपभूत रूप से प्रयुक्त होता है।

काल के भेद को समझाइए।

easy

Answer: संस्कृत में काल के भेद मुख्यतः तीन होते हैं - वर्तमान काल, भूतकाल और भविष्यत्काल। सभी क्रियाएं इन तीनों कालों में विभाजित की जा सकती हैं।

संधि एवं संधि-विच्छेद का वर्णन करें।

hard

Answer: संधि वह प्रक्रिया है जिसमें दो शब्द मिलकर एक हो जाते हैं और संधि-विच्छेद में इसे वापस विभाजित किया जाता है।

संस्कृत में कितने प्रकार के वाक्य होते हैं?

medium

Answer: संस्कृत में सामान्यतः चार प्रकार के वाक्य होते हैं - कर्तृवाच्य वाक्य, कर्मवाच्य वाक्य, भाववाच्य वाक्य और क्रियावाच्य वाक्य।

वाच्य की परिभाषा और उदाहरण दीजिए।

medium

Answer: वाच्य का अर्थ होता है क्रिया का वह रूप जो वाक्य में क्रिया के साथ वस्तु या व्यक्ति के संबंध को दर्शाता है। उदाहरण - रमा पुस्तकं पठति।