Chapter 9: अव्‍ययानि

Sanskrit - Abhyaswaan Bhav • Class 10

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Chapter Analysis

Intermediate5 pages • Hindi

Quick Summary

अध्याय 9 'अव्ययानि' में मुख्यतः संस्कृत भाषा के अव्यय शब्दों का अध्ययन किया गया है। अव्यय शब्द वे होते हैं जो परिवर्तन के अधीन नहीं होते और जिनका कोई विभक्ति, लिंग या वचन भेद नहीं होता। इस अध्याय में उनके विभिन्न प्रकारों और उपयोग के बारे में जानकारी दी गई है। व्याकरणिक नियमों के माध्यम से उनके प्रयोग को समझाया गया है और छात्र इन अव्ययों का सही उपयोग करना सीखते हैं।

Key Topics

  • अव्यय शब्द की परिभाषा
  • अव्यय के प्रकार
  • वाक्यों में अव्यय का प्रयोग
  • संस्कृत अव्यय की विशेषताएं
  • अव्यय के उदाहरण
  • अव्यय शब्दों की सूची
  • विभिन्न कालों में अव्यय का उपयोग

Learning Objectives

  • छात्र अव्यय शब्दों की पहचान कर सकें।
  • अव्यय शब्दों के विभिन्न प्रकारों को समझ सकें।
  • वाक्यों में अव्यय शब्दों का सही उपयोग कर सकें।
  • संस्कृत भाषा में अव्यय शब्दों की महत्व को समझ सकें।
  • अव्यय के उदाहरणों को पहचान सकें।

Questions in Chapter

एकदा तस्य भायात्त तिगुृत्तहंप्रति चलता।

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भ्राणः कुतः भयात्त लातयतः।

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तत् गमयताम।

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तरं स्तरं चल।

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तेन सदृशं न अस्ति।

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Additional Practice Questions

संस्कृत में 'अव्यय' का मुख्य कार्य क्या होता है?

medium

Answer: अव्यय शब्दों का काम वाक्य में विशेष अर्थ प्रकट करना होता है जो न तो किसी वचन, लिंग या विभक्ति में परिवर्तन लाते हैं, वे स्थिर रहते हैं।

अव्यय शब्दों के कितने प्रकार होते हैं?

medium

Answer: मुख्यतः अव्यय शब्द काल, स्थान, कारण, विधि और संख्या के आधार पर विभाजित होते हैं।

ज्यादा जानकारी देने वाले अव्यय शब्दों का उदाहरण दीजिए।

easy

Answer: उदाहरण के लिए: 'यदा', 'तदा', 'अति', 'अपि', 'हा' इत्यादि।

अव्यय शब्दों का वाक्यों में असंगठित प्रयोग किस प्रकार दोषपूर्ण हो सकता है?

hard

Answer: अव्यय शब्दों का असंगठित प्रयोग वाक्य के मूल अर्थ को परिवर्तित कर सकता है, जिससे वाक्य की स्पष्टता और सही अर्थ में न्यूनता हो सकती है।

क्या अव्यय शब्दों का प्रयोग सभी कालों में किया जा सकता है? उदाहरण सहित बताएं।

medium

Answer: हाँ, अव्यय शब्द सभी कालों में प्रयोग किए जा सकते हैं क्योंकि ये शब्द रूप का कोई परिवर्तन नहीं करते। उदाहरण: 'यदा भवत्स्यति तदा नमामि'।