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Chapter Analysis
Intermediate12 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में मानव नेत्र की जटिल संरचना और कार्यप्रणाली का वर्णन किया गया है। इसमें दृष्टि दोषों जैसे निकट दृष्टि दोष, दीर्घ दृष्टि दोष और जरा दृष्टि के बारे में बात की गई है। इसके अलावा, यह उपकथित लेंसों की सहायता से इन दोषों के संशोधन का उपाय भी प्रस्तुत करता है। पाठ का अंतिम भाग रंगों की दुनिया और इंद्रधनुष के निर्माण के विज्ञान पर केंद्रित है।
Key Topics
- •मानव नेत्र की संरचना
- •दृष्टि दोष
- •लेंस और उनका कार्य
- •इंद्रधनुष का निर्माण
- •प्रकाश का परावर्तन और अपवर्तन
- •रंगों की पहचान
Learning Objectives
- ✓मानव नेत्र की कार्यप्रणाली को समझना
- ✓दृष्टि दोषों की पहचान करना
- ✓दृष्टि दोषों का समाधान जानना
- ✓रंगों के विज्ञान को समझना
- ✓प्रकाश के अपवर्तन और प्रकीर्णन को जानना
Questions in Chapter
मानव नेत्र किस प्रकार रंगों की पहचान करने में सक्षम है?
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निकट दृष्टि दोष के कारण और उसका निवारण कैसे होता है?
Answer: निकट दृष्टि दोष के कारण अकम्योपिया होते हैं और इसे अव्कल लेंस द्वारा सुधारा जा सकता है।
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इंद्रधनुष क्यों दिखाई देता है?
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Additional Practice Questions
नेत्रदान का महत्व क्या है?
easyAnswer: नेत्रदान प्रकाशहीन जीवनों में प्रकाश लाने का माध्यम है। कई दृष्टिहीन व्यक्ति नेत्र प्रत्यारोपण के जरिए दृष्टि पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
प्रकाश के विकिरण से हमारे आकाश के रंग पर क्या प्रभाव पड़ता है?
mediumAnswer: विकिरण के कारण आकाश में रंग नीले दिखाई देते हैं क्योंकि छोटे कण मुख्यतः नीले प्रकाश का प्रकीर्णन करते हैं।
मानव नेत्र में अपवर्तन क्रिया का क्या महत्व है?
mediumAnswer: मानव नेत्र में अपवर्तन क्रिया से विभिन्न दूरियों पर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट दिखने में मदद मिलती है।
देखने की दृष्टि में उम्र के साथ क्या परिवर्तन होते हैं?
mediumAnswer: उम्र बढ़ने के साथ नेत्र की समायोजन क्षमता कम हो जाती है, जिससे पठन में कठिनाई होती है।
इंद्रधनुष कैसे बनता है?
hardAnswer: इंद्रधनुष तब बनता है जब सूर्य की किरणें पानी की बूंदों से होकर गुजरती हैं और अपवर्तन, परावर्तन और प्रकीर्णन के कारण उत्पन्न होती हैं।