Chapter 2: स्वंतत्रता

Political Science Part 1 - Hindi • Class 11

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Chapter Analysis

Intermediate29 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय का शीर्षक 'स्वंतत्रता' है जो व्यक्ति की स्वतंत्रता और उसके हकों के परिप्रेक्ष्य में लिखी गई है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता को अपने आंतरिक और बाहरी बाधाओं से मुक्त होने का माध्यम मानता है। इसके माध्यम से समाज में न्याय और समानता के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया गया है। यह आधुनिक समाज में व्यक्तिगत अधिकारों का महत्व समझाता है और इनसे संबंधित समस्याओं पर चर्चा करता है।

Key Topics

  • वैयक्तिक स्वतंत्रता का स्वरूप
  • स्वतंत्रता और समानता का संबंध
  • समाज में स्वतंत्रता की प्रासंगिकता
  • स्वतंत्रता के क्षेत्र में समस्याएँ
  • आधुनिक लोकतंत्र में स्वतंत्रता
  • अधिकार और कर्तव्य
  • स्वतंत्रता का सामाजिक प्रभाव

Learning Objectives

  • स्वतंत्रता की परिभाषा और महत्व को समझना
  • स्वतंत्रता और समानता के बीच के संबंध को स्पष्ट करना
  • व्यक्ति और समाज के संदर्भ में स्वतंत्रता की चुनौती को पहचानना
  • अधिकारों और कर्तव्यों के बीच संतुलन बनाना
  • समाज में स्वतंत्रता के योगदान का मूल्यांकन करना

Questions in Chapter

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Answer: Lora=krk D;k gS? bl iz'u dk ,d lhèkk&likV mÙkj ;g gS fd O;fDr ij ckgjh izfrcaèkksa dk vHkko gh Lora=krk gSA

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Additional Practice Questions

व्यक्ति की स्वतंत्रता क्यों महत्वपूर्ण है?

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Answer: व्यक्ति की स्वतंत्रता उसे आत्म-साक्षात्कार और व्यक्तित्व के पूर्ण विकास की अनुमति देती है। यह उसे सामाजिक और निजी जीवन में निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करती है, जिससे वह समाज में सक्रिय और जिम्मेदार नागरिक बनता है।

समाज में स्वतंत्रता की सीमाएं क्या होनी चाहिए?

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Answer: स्वतंत्रता की सीमाएं उन लकीरों का निर्धारण करती हैं जहां एक व्यक्ति की स्वतंत्रता दूसरे के अधिकारों का हनन न करे। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्वतंत्रता का प्रयोग सामूहिक हितों के खिलाफ न हो।

स्वतंत्रता समानता को कैसे सुनिश्चित करती है?

medium

Answer: स्वतंत्रता समानता की गारंटी देती है क्योंकि यह सभी व्यक्तियों को समाज में समान रूप से जीवन व्यतीत करने का अधिकार प्रदान करती है। यह भेदभाव को समाप्त कर प्रत्येक व्यक्ति के विकास के समान अवसर सुनिश्चित करती है।

क्या स्वतंत्रता और ज़िम्मेदारी साथ-साथ चल सकती हैं?

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Answer: हाँ, स्वतंत्रता और ज़िम्मेदारी साथ-साथ चलती हैं। स्वतंत्रता का वास्तविक अर्थ तभी है जब व्यक्ति जिम्मेदारी से अपने अधिकारों का उपयोग करे और अपने कर्तव्यों का पालन करे। इससे सामूहिक और स्वयं का विकास संभव होता है।

स्वतंत्रता के क्षेत्र में भारत की प्रगति कैसे मापी जा सकती है?

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Answer: भारत की स्वतंत्रता की प्रगति को लोकतांत्रिक संस्थानों की सुदृढ़ता, संविधान के द्वारा प्रदत्त अधिकारों की सुरक्षा, और सामाजिक न्याय की दिशा में उठाए गए कदमों के आधार पर मापा जा सकता है।