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Chapter Analysis
Intermediate11 pages • HindiQuick Summary
यह अध्याय अधिकारों के मूलभूत सिद्धांतों और उनके सामाजिक महत्व की चर्चा करता है। इसमें यह बताया गया है कि अधिकार व्यक्ति की स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए कितना आवश्यक हैं। यह राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों की पूरी व्याख्या करता है और कैसे यह अधिकार व्यक्तियों को एक लोकतांत्रिक समाज में उनके कर्तव्यों और सम्मान के प्रति सचेत बनाते हैं।
Key Topics
- •अधिकारों की परिभाषा
- •राजनीतिक अधिकार
- •आर्थिक अधिकार
- •सांस्कृतिक अधिकार
- •अधिकारों की सार्वभौमिकता
- •राज्य और अधिकार का संबंध
- •अधिकारों की कानूनी सुरक्षा
Learning Objectives
- ✓अधिकारों के मौलिक सिद्धांतों की समझ विकसित करना
- ✓राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों के बीच अंतर बताना
- ✓अधिकारों की कानूनी सुरक्षा की प्रक्रिया को समझना
- ✓अधिकारों और कर्तव्यों के बीच आपसी संबंध पर विचार करना
- ✓अधिकारों के अंतरराष्ट्रीय महत्व को पहचानना
- ✓अधिकारों के उल्लंघन की स्थिति में राज्य की भूमिका की समीक्षा करना
Questions in Chapter
अधिकार क्या हैं और वे महत्वपूर्ण क्यों हैं?
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किस आधार पर ये अधिकार अपनी प्रकृति में सार्वभौमिक माने जाते हैं?
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संक्षेप में उन नए अधिकारों की चर्चा कीजिए, जो हमारे देश में सामने रखे जा रहे हैं।
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राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों में अंतर बताइए।
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अधिकार राज्य की सत्ता पर कौन-कौनसी सीमाएं लगाते हैं? उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
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Additional Practice Questions
अधिकारों के सार्वभौमिक घोषणा-पत्र का महत्व क्या है?
mediumAnswer: अधिकारों के सार्वभौमिक घोषणा-पत्र ने सभी मानवों के मौलिक मानवीय अधिकारों को मान्यता दी और यह एक ऐसा दस्तावेज़ है जो दुनिया भर में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और न्याय के मानकों को कायम रखने में मदद करता है।
भारत में मौलिक अधिकारों का विकास कैसे हुआ?
hardAnswer: भारत में मौलिक अधिकारों का विकास स्वतंत्रता संग्राम के समय से शुरू हुआ और यह भारतीय संविधान के लागू होने के साथ संरचनात्मक रूप में देखने को मिला। संविधान के भाग तीन में इनका वर्णन किया गया है।
क्या अधिकार हमेशा अपने आप में पूर्ण होते हैं?
mediumAnswer: अधिकार कभी भी अपने आप में पूर्ण नहीं होते। यह सामाजिक और कानूनी सीमाओं में बंधे होते हैं और किसी व्यक्ति के अधिकार की स्वतंत्रता तभी तक होती है जब तक वह दूसरे के अधिकार का हनन न करे।
अधिकार और कर्तव्य के बीच संबंध पर चर्चा करें।
mediumAnswer: अधिकार और कर्तव्य का संबंध आपसी और अनिवार्य है। जहाँ अधिकार हमारी स्वतंत्रता को सुनिश्चित करते हैं, वहीं कर्तव्य यह तय करते हैं कि हम दूसरों के अधिकारों का भी मान रखें और उनकी सुरक्षा करें।
अधिकारों की सुरक्षा में राज्य की भूमिका क्या होती है?
hardAnswer: राज्य का कार्य है कि वह व्यक्ति के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और उनके उल्लंघन पर उचित न्याय दिलाए। राज्य की जिम्मेदारी है कि वह कानून द्वारा अधिकारों को संरक्षित करे और जरूरत पड़ने पर उनके उल्लंघनकर्ताओं के विरुद्ध कार्रवाई करे।