Chapter 7: राष्ट्रवाद

Political Science Part 1 - Hindi • Class 11

Download PDF

Loading PDF...

Chapter Analysis

Intermediate11 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय राष्ट्रवाद के विभिन्न पहलुओं को समझाता है। इसमें 19वीं शताब्दी के दौरान यूरोप में राष्ट्रवाद की उत्पत्ति और इसके विकास की प्रक्रिया का वर्णन है। भारतीय संदर्भ में राष्ट्रवादी आंदोलन का विशेष उल्लेख है और यह भी बताया गया है कि किस प्रकार अलग-अलग सांस्कृतिक और भाषाई पहचानें राष्ट्रवाद के निर्माण में सहयोग करती हैं। विभिन्न देशों में राष्ट्रीयता की अवधारणा कैसे विकसित हुई और यह कैसे वर्तमान समय में भी प्रभावशील है, इस पर भी विचार किया गया है।

Key Topics

  • राष्ट्रवाद का अर्थ
  • राष्ट्रवाद का ऐतिहासिक विकास
  • भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रवाद की भूमिका
  • राष्ट्रवाद और बहुसंस्कृतिवाद
  • भाषा और संस्कृति का राष्ट्रीय पहचान में योगदान
  • राजनीतिक और सांस्कृतिक राष्ट्र
  • राष्ट्रवाद के लाभ और हानियाँ

Learning Objectives

  • राष्ट्रवाद की मूल अवधारणाओं को समझना
  • राष्ट्रवाद और बहुसंस्कृतिवाद के बीच संबंधों का विश्लेषण करना
  • राष्ट्रीय पहचान के तत्वों की पहचान करना
  • भारतीय राष्ट्रवाद के विकास के क्रम को समझना
  • अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रवाद की भूमिका का मूल्यांकन करना

Questions in Chapter

राष्ट्र किस प्रकार से किसी अन्य सामाजिक संबंधों से अलग है?

Page 106

राष्ट्र के अधिकार स्वयं निर्णय के बारे में आप क्या समझते हैं? यह विचार राष्ट्र-राज्यों के निर्माण और चुनौतियों में कैसे प्रकट होता है?

Page 106

हम देख चुके हैं कि राष्ट्रवाद व्यक्तियों को जोड़ भी सकता है और तोड़ भी सकता है। उन्हें मुक्त कर सकता है और उनमें तनाव और संघर्ष भी उत्पन्न कर सकता है। उदाहरणों के साथ उत्तर दीजिए।

Page 106

भाषा, धर्म या नस्ल में से कोई भी पूरे विश्व में राष्ट्रवाद के लिए सबसे बड़ा कारक नहीं हो सकता। पुष्टि कीजिए।

Page 106

राष्ट्रवादी भावनाओं को प्रोत्साहित करने वाले कारकों पर टिप्पणी कीजिए।

Page 106

आपकी राय में राष्ट्रवाद की सीमायें क्या हैं?

Page 107

Additional Practice Questions

राष्ट्रवाद और बहुसंस्कृतिवाद के बीच संबंध को स्पष्ट कीजिए।

medium

Answer: राष्ट्रवाद और बहुसंस्कृतिवाद के बीच तनाव और सहयोग दोनों ही दृष्टिकोण मौजूद हैं। कुछ दृष्टिकोणों में यह माना जाता है कि एक संस्कृति और पहचान के आधार पर राष्ट्रवाद का गठन होता है, जबकि बहुसंस्कृतिवाद विभिन्न सांस्कृतिक समूहों के सह-अस्तित्व की बात करता है। राष्ट्रवाद के बढ़ते प्रभाव के चलते, विभिन्न सांस्कृतिक पहचानें और समुदाय संघर्ष का कारण बन सकते हैं। इसके विपरीत, एक प्रगतिशील राष्ट्रवाद विभिन्न संस्कृतियों को एकीकृत करने के लिए मंच प्रदान कर सकता है।

क्या आप सोचते हैं कि राष्ट्र को भाषा और सांस्कृतिक कारकों के बिना परिभाषित किया जा सकता है?

hard

Answer: राष्ट्र की संकल्पना अक्सर भाषा और संस्कृति से जुड़ी होती है। हालांकि, कुछ राष्ट्र अपनी पहचान जातीय विविधता के आधार पर भी बनाते हैं, जैसे कि अमेरिका। इसमें भाषा और संस्कृति से परे एक आम राजनीतिक और वैचारिक आधार जैसे लोकतंत्र को प्राथमिकता देकर राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है।

राजनीतिक राष्ट्र और सांस्कृतिक राष्ट्र में अंतर स्पष्ट कीजिए।

medium

Answer: राजनीतिक राष्ट्र उस राष्ट्र का निर्माण करता है जो एक राजनीतिक सत्ता और नागरिकता के आधार पर संगठित होता है। यह अधिकतर प्रशासनिक और कानूनी संरचनाओं पर आधारित होता है। जबकि सांस्कृतिक राष्ट्र की रचना सांस्कृतिक पहचान, इतिहास और परंपराओं के आधार पर होती है। दोनों में मुख्य अंतर यह है कि राजनीतिक राष्ट्र कानूनी और प्रशासनिक ढांचे पर केंद्रित होता है जबकि सांस्कृतिक राष्ट्र का ध्यान सांस्कृतिक, भाषाई और जातीय समुदाय पर रहता है।

राष्ट्रवाद के प्रमुख लाभों और हानियों पर चर्चा कीजिए।

easy

Answer: राष्ट्रवाद के प्रमुख लाभों में राष्ट्रीय एकता, सामुदायिक सहयोग और शक्ति का निर्माण शामिल है। इसके माध्यम से आर्थिक और सामाजिक सुधारों को प्रेरित किया जा सकता है। वहीं, हानियों में अतिवादी राष्ट्रवादी विचारधाराओं का उदय होना, जातीय और सांस्कृतिक संघर्ष तथा वैश्विक सहयोग में रुकावट शामिल हो सकती हैं।