Chapter 4: संवेदी, अवधानिक एवं प्रात्यक्षिक प्रक्रियाएँ

Psychology - Hindi • Class 11

Download PDF

Loading PDF...

Chapter Analysis

Intermediate15 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में संवेदी प्रक्रियाओं द्वारा सूचना के ग्रहण और प्रसंस्करण को वर्णित किया गया है। इसमें अवधानिक प्रक्रियाओं के माध्यम से सूचनाओं के चयन और ध्यान के प्रकारों की चर्चा की गई है। साथ ही प्रात्यक्षिक अनुभव के माध्यम से वास्तविकता की व्याख्या करने की प्रवृत्तियों पर भी प्रकाश डाला गया है। अध्याय में संवेदी सीमाएं और उनके प्रकार, ध्यान में अंतर और उनका महत्व आदि विषयों की व्याख्या की गई है।

Key Topics

  • संवेदी प्रक्रियाएं
  • अवधानिक प्रक्रियाएं
  • प्रात्यक्षिक धारणा
  • संवेदी सीमाएं
  • सांस्कृतिक प्रभाव
  • ज्ञानेन्द्रियाँ
  • न्यूनतम व अधिकतम सीमा
  • समाज और संवेदी अनुभव

Learning Objectives

  • संवेदी प्रक्रियाओं के कार्यों को समझाना
  • अवधानिक क्षमता के प्रकारों की व्याख्या करना
  • प्रात्यक्षिक धारणा के महत्व को उजागर करना
  • संवेदी सीमा का लोगों के व्यवहार पर प्रभाव बताना
  • सांस्कृतिक और सामाजिक घटकों का संवेदी अनुभव पर प्रभाव व्याख्यायित करना

Questions in Chapter

क्षमता की धारणा का अर्थ समझाइए। क्या यह एक स्थायी सीमा है?

Answer: संपूर्ण क्षमता का अध्ययन करना असंभव है। इसलिए, क्षमता एक चरम सीमा है जो व्यक्ति विशेष के अनुभव और स्थितियों पर निर्भर करती है।

Page 10

विस्मरण के प्रकारों का वर्णन करें।

Page 11

क्यों एक व्यक्ति भूल जाता है?

Page 12

Additional Practice Questions

समाज और संस्कृति कैसे संवेदी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं?

medium

Answer: समाज की सांस्कृतिक मान्यताएं और प्रथाएं व्यक्ति के संवेदी अनुभव और उसकी व्याख्या को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, विभिन्न संस्कृतियों में रंगों का अर्थ भिन्न हो सकता है जो उनकी संवेदी धारणा को प्रभावित करता है।

व्यवहार विश्लेषण में प्रात्यक्षिक धारणा के प्रकारों का वर्णन करें।

medium

Answer: प्रात्यक्षिक धारणा में मुख्य प्रकार हैं: आकार धारणा, आकार स्थिरता और आकार विकृति। इन प्रकारों के माध्यम से एक व्यक्ति वस्तुओं के सजीव देखने की प्रक्रिया को समझता है।

संवेदी सीमा के प्रकार और उनका महत्व बताइए।

easy

Answer: संवेदी सीमाएं दो प्रकार की होती हैं: न्यूनतम और अधिकतम संवेदी सीमा। न्यूनतम सीमा वह स्तर है जहां पर संवेदी प्रक्रिया शुरू होती है और अधिकतम सीमा वह है जहां पर संवेदी क्षमता समाप्त हो जाती है। ये सीमाएं निर्णय लेने में व्यक्ति की क्षमता को प्रभावित करती हैं।