Chapter 4: पाश्चात्य समाजशास्त्री - एक परिचय

Sociology - Samaj ka Bodh • Class 11

Download PDF

Loading PDF...

Chapter Analysis

Intermediate18 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में तीन प्रमुख पश्चिमी समाजशास्त्रियों - कार्ल मार्क्स, एमिल दुर्खाइम और मैक्स वेबर के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला गया है। इन विचारकों के समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण आधुनिक समाज में भी प्रासंगिक हैं। इनके सिद्धांत समाज की संरचना, वर्ग संघर्ष और सामाजिक परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं को समझाते हैं। अध्याय इन्हें भारतीय समाज के संदर्भ में भी जोड़कर देखता है।

Key Topics

  • वर्ग संघर्ष
  • सामाजिक तथ्य
  • ब्यूरोक्रेसी
  • मूल्यतान्यता
  • आर्थिक संरचना
  • सामाजिक परिवर्तन

Learning Objectives

  • पश्चिमी समाजशास्त्रियों के मुख्य सिद्धांतों को समझना।
  • समाज के संगठन और संरचना में बदलाव के कारकों का विश्लेषण करना।
  • सिद्धांतों को भारतीय समाज के संदर्भ में लागू करना।
  • समाजशास्त्र में सिद्धांतों के बीच तुलना करना।
  • विभिन्न समाजशास्त्रियों के दृष्टिकोणों में अंतर को समझना।

Questions in Chapter

कार्ल मार्क्स के सिद्धांत के अनुसार वर्ग संघर्ष क्यों होता है?

Page 10

इमिल दुर्खाइम ने समाज के कौन-कौन से पहलुओं पर विशेष जोर दिया?

Page 11

मैक्स वेबर के दृष्टिकोण से समाजशास्त्र में मूल्यतान्यता क्यों आवश्यक है?

Page 12

Additional Practice Questions

कार्ल मार्क्स का वर्ग संघर्ष सिद्धांत आधुनिक समाज में कैसे लागू होता है?

medium

Answer: कार्ल मार्क्स के वर्ग संघर्ष सिद्धांत के अनुसार समाज में दो मुख्य वर्ग होते हैं: एक उत्पादन के साधनों का मालिक और दूसरा मेहनत कर के उत्पादन करने वाला। आधुनिक समाज में यह संघर्ष आर्थिक असमानताओं में देखा जा सकता है, जहाँ श्रमिक वर्ग को उनकी मेहनत के अनुरूप लाभ नहीं मिलता।

इमिल दुर्खाइम के सामाजिक तथ्य दृष्टिकोण का भारतीय समाज पर क्या प्रभाव है?

medium

Answer: इमिल दुर्खाइम का सामाजिक तथ्य दृष्टिकोण यह बताता है कि समाज के नियम और सामान्य आचरण ऐसे तत्व हैं जो व्यक्तियों के व्यवहार को प्रभावित करते हैं। भारतीय समाज में जाति प्रथा और विभिन्न सामाजिक नियम इसका उदाहरण हैं।

मैक्स वेबर के ब्यूरोक्रेसी सिद्धांत का विश्लेषण करें।

medium

Answer: मैक्स वेबर के ब्यूरोक्रेसी सिद्धांत के अनुसार ब्यूरोक्रेसी एक संगठित संरचना होती है जो स्पष्ट नियमों और प्रक्रियाओं पर आधारित होती है। यह शासन के लिए आवश्यकताएँ और कार्यक्षमता सुनिश्चित करती है। भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था में इसकी झलक देखी जा सकती है।

समाजशास्त्र के अध्ययन में कार्ल मार्क्स और मैक्स वेबर के किस सिद्धांत के बीच सबसे बड़ा अंतर है?

hard

Answer: मुख्य रूप से, कार्ल मार्क्स आर्थिक कारकों और वर्ग संघर्ष पर जोर देते हैं जबकि मैक्स वेबर समाज के विभिन्न पहलुओं जैसे धर्म, संस्कृति और व्यक्ति की भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

कौन से समाजशास्त्री भारतीय समाज के संदर्भ में अधिक प्रासंगिक लगते हैं और क्यों?

hard

Answer: भारतीय समाज के संदर्भ में मैक्स वेबर अधिक प्रासंगिक लगते हैं क्योंकि उन्होंने धर्म और संस्कृति के अध्ययन पर अधिक जोर दिया है, जो भारतीय समाज का आधार है।