Chapter 3: साझेदारी फर्म का पुनर्गठन: साझेदार की सेवानिवृत्ति / मृत्यु

Accountancy Part 1 - Hindi • Class 12

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Chapter Analysis

Intermediate25 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय साझेदारी फर्म में साझेदार की सेवानिवृत्ति या मृत्यु के समय होने वाले पुनर्गठन पर केंद्रित है। इसमें यह समझाया गया है कि किस प्रकार सेवानिवृत्ति या मृत्यु के बाद फर्म की संपत्ति और लाभ को पुनर्वितरित किया जाता है। इसके अलावा, यह भी वर्णन है कि किस प्रकार फर्म का लेखाजोखा तैयार किया जाता है जब कोई साझेदार सेवानिवृत्त होता है या उसकी मृत्यु हो जाती है। यह अध्याय लेखा में साझेदारी फर्म के प्रबंधन की जटिलताओं को विस्तार से समझाता है।

Key Topics

  • साझेदारी फर्म का पुनर्गठन
  • साझेदार की मृत्यु
  • साझेदार का सेवानिवृत्ति
  • फर्म की संपत्ति का वितरण
  • लेखाजी विश्लेषण
  • लाभ का पुनर्वितरण

Learning Objectives

  • साझेदार की मृत्यु के समय फर्म के पुनर्गठन को समझना।
  • सेवानिवृत्ति के बाद फर्म का प्रबंधन कैसे किया जाता है।
  • साझेदार के लाभांश के वितरण की प्रक्रिया समझना।
  • लेखा संबंधी जटिलताओं का विश्लेषण करना।

Questions in Chapter

फॉलाना फर्म में मृतक साझेदार के लाभ को कैसे पुनर्वितरित किया जाता है?

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साझेदारी फर्म में सेवानिवृत्ति के समय लेखांकन की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

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Additional Practice Questions

एक साझेदार की मृत्यु के समय फर्म के लिए लेखांकन प्रक्रिया को विस्तृत करें।

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Answer: साझेदार की मृत्यु के समय लेखांकन प्रक्रिया में मृतक के हिस्से का मूल्यांकन, लाभांश का निर्धारण, और उसके द्वारा जमा की गई पूंजी की वापसी शामिल होती है। इसके अलावा, मृत्यु की तारीख तक की आय को भी लेखांकन में शामिल किया जाता है।

सेवानिवृत्त साझेदार के शेयरों को फर्म के अन्य साझेदारों के बीच कैसे वितरित किया जाता है?

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Answer: सेवानिवृत्त साझेदार के शेयरों का वितरण फर्म के शेष साझेदारों के बीच पारस्परिक समझौते के आधार पर किया जाता है। इसके लिए लाभ और हानि की साझेदारी अनुपात का पुनर्नवनीकरण किया जाता है।