Chapter 4: जल-संसाधन

Geography - Bharat Log Aur Arthvyasastha • Class 12

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Chapter Analysis

Intermediate19 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय भारत के जल संसाधनों के विविध पहलुओं की जांच करता है, जिसमें उनकी भौगोलिक वितरण, उपयोग के क्षेत्रों, और प्रबंधन की विधियों पर विचार किया गया है। इसमें जल के अवशोषण और संरक्षण की आवश्यक्ता और तय कानूनी नीतियों का महत्व भी बताया गया है। यह जल संसाधनों की मात्रा में कमी और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर भी विचार करता है।

Key Topics

  • जल संसाधनों का भौगोलिक वितरण
  • जल के विभिन्न उपयोग
  • जल प्रबंधन की विधियाँ
  • जलवायु परिवर्तन के प्रभाव
  • जल संरक्षण की विधियाँ
  • भारत में जल संकट के कारण
  • जल संरक्षण के लिए कानूनी नीतियाँ

Learning Objectives

  • छात्र जल संसाधनों के भौगोलिक वितरण को समझ सकेंगे।
  • वे जल के विभिन्न उपयोगों को पहचान सकेंगे।
  • छात्र जल प्रबंधन की प्रमुख विधियों का अध्ययन कर सकेंगे।
  • वे जल पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का विश्लेषण कर सकेंगे।
  • छात्र जल संरक्षण की आवश्यक विधियाँ सीख सकेंगे।
  • वे जल संसाधनों के उपयोग में सुधार हेतु नीतियों का मूल्यांकन कर सकेंगे।

Questions in Chapter

भारत में जल संसाधनों में तेजी से कमी आ रही है। जल संसाधनों की कमी के लिए मुख्य कारणों की विवेचना कीजिए।

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पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में सबसे अधिक भूजल उपयोग के लिए कौन से कारण जिम्मेदार हैं?

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देश में उपयोग किए गए कुल जल में कृषि क्षेत्र का हिस्सा कम होने की संभावना क्यों है?

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Additional Practice Questions

जल संरक्षण के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में किस प्रकार के उपाय किए जा सकते हैं?

medium

Answer: ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक जल संग्रहण की विधियों का उपयोग, जैसे कि तालाब और चेक डैम का निर्माण, और शहरी क्षेत्रों में वर्षा जल संचयन प्रणालियों की स्थापना आवश्यक है। सही प्रबंधन और शहरी नियोजन से जल उपयोग में सुधार हो सकता है।

जल संसाधनों के संरक्षण में समुदाय की भागीदारी की क्या भूमिका है?

medium

Answer: समुदाय की भागीदारी जल संरक्षण परियोजनाओं की सफलता में महत्वपूर्ण है। यह स्थानीय ज्ञान के उपयोग, जल संग्रहण संरचनाओं के रखरखाव, और जागरूकता अभियानों में लोगों की सक्रिय सहभागिता द्वारा किया जा सकता है।

क्या जल संरक्षण के पारंपरिक तरीकों का आधुनिक तकनीकों के साथ संयोजन किया जा सकता है?

hard

Answer: हां, पारंपरिक तरीकों का आधुनिक तकनीकों जैसे सौर पंप और स्मार्ट इरिगेशन सिस्टम के साथ संयोजन किया जा सकता है, जिससे जल उपयोग की दक्षता बढ़ेगी और पर्यावरणीय प्रभाव कम होगा।

भारत के प्रमुख जल संसाधनो का वर्गीकरण करें।

easy

Answer: भारत के जल संसाधनों को प्रमुख रूप से नदी जल, भूजल, वर्षा जल और जलाशयों में वर्गीकृत किया जा सकता है। प्रत्येक प्रकार की विशिष्ट विशेषताएं और उपयोग हैं, जिनसे जल की उपलब्धता और प्रबंधन में मदद मिलती है।

जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कैसे कम किया जा सकता है?

hard

Answer: जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए जल संचयन प्रणालियों में सुधार, वनीकरण, और जल संरक्षण नीतियों का सख्ती से पालन करना आवश्यक है। साथ ही, सामुदायिक जागरूकता और शिक्षा का भी महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।