Loading PDF...
Chapter Analysis
Intermediate17 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में बाजार संतुलन का विवेचन किया गया है, जहां मांग और आपूर्ति के बीच तालमेल और उनके पारस्परिक प्रभावों की चर्चा होती है। संतुलन मूल्य और मात्रा के निर्धारण की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया गया है। इसमें प्रदाता और उपभोक्ता के हितों के संतुलन और सरकारी नीतियों के प्रभाव की भी समीक्षा की गई है【4:9†source】।
Key Topics
- •बाजार संतुलन की अवधारणा
- •मांग और आपूर्ति का संबंध
- •संतुलन मूल्य का निर्धारण
- •सरकारी नीतियों का प्रभाव
- •उपभोक्ता और उत्पादक संतुलन
- •मूल्य स्थायित्व
- •अधिकता और अभाव की स्थितियाँ
Learning Objectives
- ✓बाजार संतुलन के सिद्धांत को समझना
- ✓मांग और आपूर्ति के बीच संबंध का विश्लेषण करना
- ✓संतुलन मूल्य के निर्धारण की प्रक्रिया को समझना
- ✓सरकारी हस्तक्षेप के प्रभावों का मूल्यांकन करना
- ✓उपभोक्ता और उत्पादक संतुलन की धारणाओं को समझना
Questions in Chapter
बाजार संतुलन की व्याख्या कीजिए।
Page 98
हम कब कहते हैं कि बाजार में किसी वस्तु के लिए अधिकता है?
Page 98
हम कब कहते हैं कि बाजार में किसी वस्तु के लिए अभाव है?
Page 98
क्या होगा यदि बाजार में निर्धारित मूल्य है?
Page 98
मांग और आपूर्ति दोनों के समान दिशा में परिवर्तन के दौरान संतुलन मूल्य और मात्रा पर प्रभाव को समझाइए।
Page 99
Additional Practice Questions
एक उदाहरण के साथ बताइए कि जब किसी वस्तु के मांग और आपूर्ति दोनों में वृद्धि होती है तो उसका संतुलन मूल्य किस प्रकार प्रभावित होगा?
mediumAnswer: जब किसी वस्तु की मांग और आपूर्ति दोनों में वृद्धि होती है, तो संतुलन मूल्य स्थिर या कम भी रह सकता है क्योंकि वे विरोधी दिशा में कार्य करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि एक शहर में दूध की मांग और आपूर्ति एक साथ बढ़ती है, तो संतुलन मूल्य पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ सकता, बल्कि इसके उत्पादन में भी वृद्धि हो सकती है।
सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन के प्रभाव को बाजार संतुलन के संदर्भ में समझाइए।
hardAnswer: सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन यदि बाज़ार में विद्यमान वेतन से अधिक है, तो इससे व्यवसायों की लागत बढ़ सकती है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ रोजगार अवसर कम हो सकते हैं। इससे उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, और मांग में कमी आ सकती है।
किसी वस्तु की आपूर्ति में कमी के फलस्वरूप संतुलन स्थिति में क्या परिवर्तन होते हैं?
mediumAnswer: आपूर्ति में कमी के फलस्वरूप यदि मांग अपरिवर्तित रहती है, तो संतुलन मूल्य में वृद्धि होती है जबकि संतुलन मात्रा में कमी होती है। इससे उपभोक्ताओं के लिए कीमतें बढ़ जाती हैं।
मांग के संघात्र(synchronized) घटने के मामले में संतुलन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
easyAnswer: यदि मांग एक साथ घटती है, तो संतुलन मात्रा और मूल्य दोनों घट सकते हैं। यह उत्पादकों के लिए हानि का कारण हो सकता है क्योंकि उनकी बिक्री कम हो जाएगी।
गिरती मंहगाई के समय किन कारकों का बाजार संतुलन पर महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है?
mediumAnswer: गिरती मंहगाई के समय मांग में कमी, मंहगाई की दर में गिरावट, और मुद्रा की बढ़ी हुई क्रय शक्ति बाजार में संतुलन की स्थिति को अस्थिर कर सकती है।