Chapter 3: विद्युत धरा

Physics Part 1 - Hindi • Class 12

Download PDF

Loading PDF...

Chapter Analysis

Intermediate26 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय विद्युत धारा, ओम का नियम, चालकता, प्रवाह की दिशा, और धारा के प्रभाव को विस्तार से समझाता है। इसमें बताया गया है कि किस प्रकार एक सामग्री के प्रतिरोधीय गुण विद्युत धारा के प्रवाह को प्रभावित करते हैं। गुरुत्वाकर्षण बल, ओम्स लॉ और श्रृंखला व समांतर संयोजन की व्याख्या की गई है।

Key Topics

  • विद्युत धारा का प्रवाह और दिशा
  • ओम का नियम
  • चालकता
  • विद्युत विभव
  • श्रृंखला और समांतर संयोजन
  • विद्युत धारा के प्रभाव

Learning Objectives

  • विद्युत धारा की अवधारणा को समझना
  • ओम के नियम का उपयोग कर समस्याओं को हल करना
  • चालकता और प्रतिरोध को अलग-अलग सामग्री में अध्ययन करना
  • श्रृंखला और समांतर सर्किट में विद्युतीय गुणों का उपयोग करना

Questions in Chapter

3.1 यदि किसी तार के चालकता प्रतिरोधक 0.4 Ω हो, तो तार में अधिकतम धारा का मान क्या है?

Page 104

3.2 10 V विद्युत धारा आई होती है, तो प्रतिरोधक का प्रतिरोध क्या होगा जबकि धारा 0.5 A है?

Answer: प्रतिरोध R = V/I = 10V/0.5A = 20Ω

Page 104

Additional Practice Questions

किसी तार की क्षमता और प्रतिरोध पर प्रकाश डालिए।

medium

Answer: तार की क्षमता और प्रतिरोध उसके भौतिक गुणों जैसे लंबाई, क्षेत्रफल और सामग्री के गुण पर निर्भर करती है। एक तार जितना लंबा और पतला होता है तथा जिसका प्रतिरोध अधिक होता है, उसकी धारावहन क्षमता उतनी ही कम होती है।

विद्युत धारा और वैद्युत प्रवाह के बीच संबंध स्पष्ट करें।

medium

Answer: विद्युत धारा वह प्रवाह है जो किसी क्षेत्र में वैद्युत आवेशों के प्रवाह के कारण उत्पन्न होती है। यह आवेशों के प्रवाह की दिशा में बहती है जो सामान्यतः उच्च विद्युतदाब से निम्न विद्युतदाब की ओर होता है।

ओम का नियम क्या है और इसके व्यावहारिक उपयोग क्या हैं?

hard

Answer: ओम का नियम बताता है कि स्थिर तापमान पर, धारा का प्रवाह प्रतिरोध और विद्युत विभव के समानुपाती होता है। V = IR से प्रतिरोधन, धारा और विभव के बीच संबंध का निर्धारण होता है। इसका उपयोग विद्युत सर्किट डिजाइनिंग और विश्लेषण में किया जाता है।