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Chapter Analysis
Advanced15 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में प्रकाश और पदार्थ की द्वैत प्रवृत्ति के बारे में चर्चा की गई है। यहाँ पर प्रकाश का तरंग और कण व्यवहार का वर्णन किया गया है। अध्याय में फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव सहित क्वांटम यांत्रिकी के concept का भी विवरण है। अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा दिए गए सिद्धांतों की चर्चा भी की गई है।
Key Topics
- •प्रकाश की द्वैत प्रकृति
- •फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव
- •क्वांटम यांत्रिकी
- •तरंग-कण द्वैतता
- •आइंस्टाइन के सिद्धांत
- •ऊर्जा के क्वांटा का सिद्धांत
Learning Objectives
- ✓फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव को समझना
- ✓प्रकाश की तरंग-कण द्वैतता का अध्ययन करना
- ✓क्वांटम यांत्रिकी के मूल सिद्धांतों को समझना
- ✓आइंस्टाइन के प्रकाश संबंधी सिद्धांतों का विश्लेषण करना
- ✓प्रकाश की विभिन्न आवृत्तियों का प्रभाव समझना
Questions in Chapter
अध्याय के अंत में दिए गए प्रैक्टिस प्रश्न पढ़ें।
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Additional Practice Questions
फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव क्या होता है?
mediumAnswer: फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव वह प्रक्रिया है जिसमें जब प्रकाश की कुछ आवृत्ति प्रदत्त पदार्थ पर पड़ती है तो उससे इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन होता है।
क्वांटम यांत्रिकी का मुख्य सिद्धांत क्या है?
hardAnswer: क्वांटम यांत्रिकी में यह मान्यता है कि ऊर्जा स्तरों में परिवर्तन टूटले रूप में होते हैं, जिन्हें क्वांटा कहते हैं।
प्रकाश की द्वैत प्रकृति को स्पष्ट करें।
mediumAnswer: प्रकाश की द्वैत प्रकृति का अर्थ यह है कि प्रकाश का व्यवहार कभी-कभी तरंग के रूप में होता है और कभी-कभी कण के रूप में; इसे तरंग-कण द्वैतता कहते हैं।
वे कौन से प्रयोग थे जिनमें क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों को प्रमाणित किया गया?
hardAnswer: फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव और ब्राउनियन मूवमेंट वे मुख्य प्रयोग थे जिनमें क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों को प्रमाणित किया गया।
आइंस्टाइन के सिद्धांतों का प्रकाश की द्वैत प्रकृति में क्या योगदान है?
mediumAnswer: आइंस्टाइन के सिद्धांत ने प्रकाश की तरंग-कण द्वैतता को समझने में सहायक सिद्धान्त, विशेष रूप से फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव में उपयोग लाया है।