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Chapter Analysis
Intermediate32 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में किरण प्रकाशिकी और प्रकाशिक यंत्रों के सिद्धांतों का विस्तार से वर्णन किया गया है। इसमें प्रकाश का परावर्तन, अपवर्तन, और विवर्तन जैसे प्रमुख प्राकृतिक घटनाओं की चर्चा की गई है। विभिन्न प्रकाशिक यंत्रों द्वारा इन सिद्धांतों की व्याख्या की गई है जिससे हमें प्रकृति की सुंदरता और विविधता को बेहतर ढंग से समझने का अवसर मिलता है।
Key Topics
- •प्रकाशिकी के मूलभूत सिद्धांत
- •विवर्तन के प्रभाव
- •उत्तल और अवतल लेंस का उपयोग
- •दर्पण के प्रकार
- •फोटोन की व्यवहारिकता
- •उत्तल और अवतल दर्पण के चित्रण
Learning Objectives
- ✓छवि और प्रकाश के संबंध की समझ
- ✓लेंस और दर्पण के विभिन्न प्रकारों का अध्ययन
- ✓प्रकाश के व्यवहार को उत्तल और अवतल लेंस द्वारा दिशा
- ✓अपवर्तन और परावर्तन का सिद्धांत और अभ्यास
- ✓विभिन्न प्रकार के प्रकाशिक यंत्रों का विश्लेषण
Questions in Chapter
किसी वस्तु के ऊष्मीय यंत्र में रखे जाने पर उसका प्रतिच्छवि का वर्णन करें।
Answer: प्रतिच्छवि के निर्माण से चित्रण होता है कि वस्तु के स्वरूप में क्या परिवर्तन आता है। इस प्रक्रिया में कई अहम पहलुओं की पहचान की जा सकती है।
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विभिन्न प्रकार के लेंस के उपयोग से प्रकाश के अभिलक्षण को समझाएं।
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Additional Practice Questions
किसी दो समांतर लेंस के बीच रखे वस्तु की प्रतिच्छवि के स्थान की गणना करें।
mediumAnswer: समांतर लेंस के बीच वस्तु रखते समय उसकी प्रतिच्छवि का स्थान f1 और f2 के फार्मूला से पता लगाया जाता है। इसके अनुसार, प्रतिच्छवि की स्थिति को y का मान देकर वस्तु और लेंस की दूरी से निर्धारित किया जा सकता है।
प्रतिच्छवि और वास्तविक छवि के बीच क्या अंतर है?
easyAnswer: प्रतिच्छवि और वास्तविक छवि के गठन की संरचना में भिन्नताएं होती हैं। वास्तविक छवि का परीणाम विश्लेषण करने पर इसकी स्पष्टता और सटीकता पर विचार किया जा सकता है।
लेंस की फोकल लंबाई के निर्धारण की प्रक्रिया को समझाएं।
hardAnswer: लेंस की फोकल लंबाई के मापन के लिए ज्यामितीय संबंधों का उपयोग किया जाता है जिसमें फोकस बिंदु की दूरी को लंबाई की मानदंड से तुलना कर मूल्यांकन किया जाता है।
समान्तर दर्पण के बीच स्थित बिंदु का प्रतिबिंब कैसे बनता है?
mediumAnswer: समान्तर दर्पणों द्वारा रची गई प्रतिबिंब प्रणाली में प्रकाश किरणों की परावर्तन प्रक्रिया का विशेष महत्व है। यह स्थिति बहुत से यथार्थ बिंदुओं के अनुकरण में सहायक होती है।
प्रतिबिंब गठन में अपवर्तन का क्या स्थान है?
easyAnswer: प्रतिबिंब गठन में अपवर्तन द्वारा जगह-जगह विभाजन होता है जिसकी रूपरेखा से विविधता के प्रभावों का अध्ययन किया जा सकता है।