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Chapter Analysis
Beginner6 pages • HindiQuick Summary
कहानी 'बरसात और मेंढक' के माध्यम से बच्चों को परोपकार और एक-दूसरे की मदद करने की भावना सिखाई गई है। सोमारू और कमली की यात्रा में उन्हें बार-बार सहायता की आवश्यकता होती है, जैसे कि गाय को दूध देने के लिए घास चाहिए और घास को बढ़ने के लिए पानी। जब मेंढक टर्र-टर्र करते हैं, तो बारिश शुरू होती है जिससे सबको पानी मिलता है। अंत में, सब मिलकर एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा करते हैं और समस्याओं का हल निकालते हैं।
Key Topics
- •मेंढक
- •बरसात
- •सहयोग
- •परोपकार
- •प्राकृतिक संतुलन
- •पर्यावरण संरक्षण
- •कहानी का सार
Learning Objectives
- ✓परोपकार की भावना विकसित करना
- ✓सहयोग का महत्व समझना
- ✓प्राकृतिक चक्र की जानकारी
- ✓मेंढक और बरसात का संबंध समझना
Questions in Chapter
आपको ये कहानी कैसी लगी?
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मेंढक सोमारू और कमली की बात क्यों मान गया? क्या आप होते तो मान जाते?
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कहानी से लिए इन वाक्यों को पढ़िए। क्या आपने कभी किसी मित्र के साथ ऐसा कुछ किया है जिससे उन्हें चोट लगी हो या बुरा लगा हो?
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‘ढ’, ‘ड’, ‘ड़’, और ‘द’ वाले शब्द बनाइए। फिर सभी शब्दों को ज़ोर से पढ़िए। क्या ‘ढ’, ‘ड’, ‘ड़’, और ‘द’ की ध्वनि बोलने-सुनने में अलग लगती हैं?
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Additional Practice Questions
मेंढक और बारिश के बीच क्या संबंध है, इसे समझाइए।
easyAnswer: मेंढक बरसात से पहले टर्र-टर्र करते हैं, जो कि बारिश आने की भविष्यवाणी का संकेत देता है। इस कथा में भी मेंढक के टर्र-टर्र करने से बारिश शुरू होती है।
कमली और सोमारू ने जिस यात्रा का घटनाक्रम बताया है, उसे क्रम में लिखिए।
mediumAnswer: पहले कमली और सोमारू जंगल जाते हैं, फिर उन्हें भूख लगती है, जिस कारण वे घास की तलाश करते हैं। इसके लिए वे पानी लाते हैं, और अंततः मेंढक के पास जाते हैं।
कथा में 'परोपकार' का क्या महत्व है?
mediumAnswer: कथा में परोपकार का अर्थ है दूसरों की मदद करना। जब कमली और सोमारू अन्य प्राणियों की मदद करते हैं, तब उन्हें बदले में वही मदद मिलती है, इससे परोपकार का महत्व स्पष्ट होता है।
आपके अनुसार, क्या कहानियों के ऐसे लोक चरित्र आधुनिक समाज में भी अप्रासंगिक हो सकते हैं?
hardAnswer: ऐसे लोक चरित्र हमें सहिष्णुता और सहयोग की याद दिलाते हैं, जो कि आधुनिक समाज में भी महत्वपूर्ण हैं।
कहानी से क्या सीख मिलती है कि प्राकृतिक संतुलन बनाए रखना क्यों जरूरी है?
mediumAnswer: प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने से ही सभी जीव-जन्तु और वनस्पतियाँ एक-दूसरे की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं, जैसे कि मेंढक की आवाज और पानी का संतुलन।