Chapter 5: अनिता की मधुमक्खियाँ

EVS – Hindi • Class 4

Download PDF

Loading PDF...

Chapter Analysis

Beginner8 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय अनिता के मधुमक्खी पालन के अनुभवों पर आधारित है। अनिता अपनी मेहनत से मधुमक्खी पालन करके शहद उत्पादन करती है। इस प्रक्रिया में उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है लेकिन अपनी लगन और कठिन परिश्रम से वह सफल होती है। अध्याय में मधुमक्खियों की जीवनशैली और इनके व्यवस्थित तरीके से कार्य करने की चर्चा की गई है।

Key Topics

  • मधुमक्खी पालन
  • शहद उत्पादन
  • अनुशासन
  • संगठित कार्य प्रणाली
  • परिश्रम
  • सामूहिकता

Learning Objectives

  • मधुमक्खी पालन की प्रक्रिया को समझना
  • शहद के उत्पादन के मुख्य चरणों को जानना
  • मधुमक्खियों के कार्य एवं जीवनशैली का अध्ययन
  • सामूहिकता और अनुशासन के मूल्यों को पहचानना

Questions in Chapter

अनिता अपनी मेहनत के बावजूद मधुमक्खी पालन में क्या-क्या समस्याएँ देखती है?

Answer: वह बताती है कि मधुमक्खियाँ कभी-कभी उसे काट लेती हैं और उसे दर्द होता है।

Page 43

धमड़ी क्या है और वे शहद कैसे बनाते हैं?

Answer: धमड़ी अपने पंखों से वातावरण को ठंडा करके शहद बनाती हैं।

Page 45

Additional Practice Questions

शहद बनाने की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों का वर्णन कीजिए।

medium

Answer: शहद बनाने की प्रक्रिया में मधुमक्खियाँ फूलों का रस एकत्र करके उसे छत्ते में सुरक्षित रखती हैं। फिर वे अपने पंखों से छत्ते के पास वायु को ठंडा करके शहद बनाती हैं।

अनिता अपने मधुमक्खी पालन के कार्य में सफल होने के लिए कौन-कौन सी रणनीतियाँ अपनाती है?

medium

Answer: अनिता नियमित रूप से मधुमक्खियों के छत्तों की देखभाल करती है, नयी तकनीकों का उपयोग करती है और स्थानिक समस्याओं को ध्यान में रखती है।

मधुमक्खियों की जीवनशैली से हमें क्या सीखने को मिलता है?

easy

Answer: मधुमक्खियों की अनुशासन और संगठित कार्य शैली हमें परिश्रम और सामूहिकता का महत्व सिखाती है।

अनिता की सफलता में गाँव के लोगों का क्या योगदान रहा?

medium

Answer: गाँव के लोग अनिता को उसका कार्य आरंभ करने में प्रोत्साहित करते हैं और शहद की बिक्री में सहायता करते हैं।

यदि मधुमक्खियाँ नहीं होती तो पर्यावरण और मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता?

hard

Answer: मधुमक्खियाँ परागण और खाद्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इनके बिना पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन पैदा हो सकता है।