Chapter 8: ओणम के रंग

Hindi • Class 4

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Chapter Analysis

Beginner12 pages • Hindi

Quick Summary

यह पाठ ओणम के त्योहार के बारे में जानकारी देता है, जिसे केरल राज्य में प्रमुखता से मनाया जाता है। महाबली की कथा और उन्हें भगवान विष्णु के वामन अवतार द्वारा पाताल लोक में भेजे जाने की कहानी का उल्लेख है। इस अवसर पर लोग अनेक तरह की पारंपरिक गतिविधियों में भाग लेते हैं, जैसे फूलों की रंगोली बनाना, पारंपरिक नृत्य करना और विशेष भोजन बनाना। ओणम के दौरान लोग मिलकर गाँवों में उत्सव की धूमधाम मनाते हैं।

Key Topics

  • ओणम का त्योहार
  • महाबली की कथा
  • केरल की सांस्कृतिक परंपराएँ
  • पुक्कलम
  • पारंपरिक नृत्य
  • प्राकृतिक सौंदर्य

Learning Objectives

  • ओणम का त्योहार और इससे जुड़े रीति-रिवाज़ों की समझ प्राप्त करना
  • महाबली की पौराणिक कथा से परिचित होना
  • केरल की सांस्कृतिक परंपराओं और त्योहार की विशेषताओं को जानना
  • ओणम से संबंधित लोकगीतों और नृत्यों का मूल्यांकन करना

Questions in Chapter

ओणम का तययोहार कब मनाया जाता है?

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ओणम का तययोहार किस पौराणिक कथा पर आधारित है?

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आप कौन-कौन से तययोहार मनाते हैं?

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आपको कौन-सा तययोहार सबसे अधिक अच्छा लगता है और क्यों?

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त्योहार वाले दिन आप क्या-क्या करते हैं?

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Additional Practice Questions

ओणम का त्योहार किस महीने में मनाया जाता है? इसके पीछे की कहानी का संक्षेप में वर्णन करें।

easy

Answer: ओणम का त्योहार श्रावण मास के श्रवण नक्षत्र के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार राजा महाबली के स्वागत के लिए मनाया जाता है, जिन्हें वामन विष्णु अवतार द्वारा पाताल लोक भेज दिया गया था।

ओणम के अवसर पर किस प्रकार की रंगोली बनाई जाती है? इसे क्या कहते हैं?

medium

Answer: ओणम के दौरान 'पुक्कलम' नामक रंगोली फूलों से बनाई जाती है, जो विशेष तौर पर इस त्योहार की शोभा बढ़ाती है।

महाबली के शासन की कौन-कौन सी विशेषताएँ लोकगीतों में वर्णित हैं?

medium

Answer: महाबली के शासन में सभी लोग सुखी और संतुष्ट थे। उनके राज्य में छल-कपट, झूठ और गरीबी नहीं थी।

ओणम के त्योहार के दौरान केरल में किन पारंपरिक नृत्यों का आयोजन होता है?

hard

Answer: ओणम के दौरान केरल में तिरुवाथिराकली, कुम्माटी नृत्य और पूरम कली जैसे पारंपरिक नृत्य होते हैं।

वामन अवतार की कथा का संक्षेप में वर्णन करें।

hard

Answer: वामन अवतार भगवान विष्णु का पाँचवाँ अवतार है। उन्होंने राजा महाबली से तीन पग भूमि मांगी और पूरे ब्रह्मांड़ को नाप लिया। अंतिम पग के लिए महाबली ने अपना सिर झुका दिया।