Chapter 2: फसलों के त्योहार

Hindi • Class 5

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Chapter Analysis

Beginner18 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में विभिन्न फसलों के त्योहारों की महत्ता को बताया गया है। यह दर्शाता है कि कैसे ग्रामीण इलाकों में ये त्योहार खेती के चक्र के साथ जुड़े होते हैं और यह सामूहिकता और संस्कृति का प्रतीक होते हैं। इनमें शामिल विभिन्न विधियों और पारम्परिक धारणाओं का वर्णन किया गया है जो समाज के विभिन्न आयामों को उजागर करते हैं।

Key Topics

  • फसलों के त्योहार का महत्त्व
  • कृषि और ग्रामीण जीवन
  • पारंपरिक विधियाँ और रीति-रिवाज
  • सामूहिकता और सामुदायिकता
  • संस्कृति और धरोहर
  • मौसम और खेती का चक्र
  • किसान और उनकी जीवन शैली
  • सरकारी और सामाजिक पहल

Learning Objectives

  • फसलों के त्योहारों का सांस्कृतिक और सामुदायिक महत्त्व समझाना
  • ग्रामीण जीवन और खेती के कार्यकलापों को जानना
  • पारंपरिक विधियों और रीति-रिवाजों की जानकारी प्राप्त करना
  • समाज में सामूहिकता और सहयोग की भावना को समझना
  • इन त्योहारों के आर्थिक और सामाजिक प्रभावों का विश्लेषण करना
  • कृषि के चक्र और मौसम के बदलावों को पहचानना

Questions in Chapter

रूई में डी. डी. टी. डाला जाता है?

Answer: डी. डी. टी. के प्रयोग से रूई को कीटाणु रहित किया जाता है।

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मशीनों के प्रयोग से खेती के तरीके कैसे बदले हैं?

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फसल कटाई के दौरान उपयोग होने वाले प्रमुख उपकरण कौन से हैं?

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Additional Practice Questions

फसलों के त्योहार का क्या महत्व है?

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Answer: फसलों के त्योहार कृषि चक्र और मौसम के बदलाव के प्रतीक होते हैं। ये त्योहार न केवल समय चक्र को दर्शाते हैं बल्कि किसानो के जीवन और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। ये सामूहिकता, श्रम और खुशी के प्रतीक भी हैं।

अध्याय में वर्णित किसी एक त्योहार की विशेषताओं का वर्णन करें।

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Answer: उदाहरण के लिए, बैसाखी का त्योहार पंजाब में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। यह नई फसल के स्वागत और पूरे साल की मेहनत को मनाने का त्योहार है। इसमें पारम्परिक नृत्य और संगीत अहम भूमिका निभाते हैं।

फसलों के त्योहार के दौरान किस प्रकार की पारम्परिक गतिविधियाँ की जाती हैं?

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Answer: फसलों के त्योहार के दौरान पारंपरिक नृत्य, गीत, मेलों का आयोजन होता है। लोग एक साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं और एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। यह सामूहिकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन होता है।

फसलों के त्योहार ग्रामीण समाज की सामूहिकता को कैसे प्रकट करते हैं?

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Answer: फसलों के त्योहार सामाजिक बंधनों को मजबूत करते हैं। इन उत्सवों में लोग सामूहिक रूप से शामिल होते हैं, जिससे जाति और वर्ग के भेद मिट जाते हैं और सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलता है। ये त्योहार पारस्परिक सहयोग की भावना को भी प्रोत्साहित करते हैं।

इन त्योहारों का आर्थिक प्रभाव क्या होता है?

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Answer: फसलों के त्योहार आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होते हैं। ये स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देते हैं और व्यापार के अवसर पैदा करते हैं। इनसे जुड़ी विभिन्न गतिविधियाँ जैसे मेला और खरीदारी स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करती हैं।