Chapter 1: वयं वर्णमालां पठामः

Sanskrit • Class 6

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Chapter Analysis

Beginner24 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में संस्कृत वर्णमाला की विस्तारपूर्वक व्याख्या की गई है। स्वर और व्यंजन वर्णों का उच्चारण, उनके प्रकार और विभिन्न स्थानों से वर्णों की उत्पत्ति पर चर्चा की गई है। यह अध्याय वर्णों की ध्वनि विशेषताओं और उनके उच्चारण स्थलों के बारे में छात्रों को शिक्षित करता है।

Key Topics

  • संस्कृत वर्णमाला परिचय
  • स्वर और व्यंजन का वर्गीकरण
  • उच्चारण स्थल
  • वर्णों की ध्वनि विशेषता
  • संयुक्त व्यंजन

Learning Objectives

  • वर्णमाला का परिचय प्राप्त करना
  • स्वर और व्यंजन को पहचानना
  • उच्चारण स्थलों का ज्ञान प्राप्त करना
  • संस्कृत वर्णों का सही उच्चारण करना
  • संयुक्त वर्णों का निर्माण समझना

Questions in Chapter

कण्ठस्थान के वर्ण कौन कौन से हैं?

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तालव्य स्थान के वर्ण कौन कौन से हैं?

Page 21

Additional Practice Questions

वर्गों के अनुसार संस्कृत के स्वर वर्णों का वर्गीकरण करें।

medium

Answer: संस्कृत के स्वर वर्णों को निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है: 1. ह्रस्व स्वर: अ, इ, उ 2. दीर्घ स्वर: आ, ई, ऊ 3. संयुक्त स्वर: ए, ओ, ऐ, औ

संस्कृत वर्णों के उच्चारण स्थल क्या हैं?

easy

Answer: संस्कृत वर्णों के प्रमुख ऊच्चरन स्थल हैं: कण्ठ, तालु, मूर्धा, दन्त, और ओष्ठ।

संयुक्त व्यंजनों का निर्माण कैसे होता है?

hard

Answer: संयुक्त व्यंजन सामान्यतः दो व्यंजन वर्णों के समूह से बनते हैं, जैसे क्‍ + ष = क्ष।

व्यंजनों को उनके उच्चारण स्थलों के आधार पर विभाजित करें।

medium

Answer: व्यंजन विभाजन: 1. कण्ठ्य: क, ख, ग, घ, ङ 2. तालव्य: च, छ, ज, झ, ञ 3. मूर्धन्य: ट, ठ, ड, ढ, ण 4. दन्त्य: त, थ, द, ध, न 5. ओष्ठ्य: प, फ, ब, भ, म

स्वर और व्यंजन में क्या अंतर है?

easy

Answer: संस्कृत में स्वर वे वर्ण हैं जो स्वतंत्र रूप से उच्चारित होते हैं जैसे अ, आ। व्यंजन वे वर्ण हैं जो बिना स्वर वर्णों की सहायता के उच्चारित नहीं होते हैं, जैसे क, ख।