Loading PDF...
Chapter Analysis
Beginner9 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय का शीर्षक है 'आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः'। इसमें आलस्य के विभिन्न प्रकार और इसके हानिकर प्रभावों पर प्रकाश डाला गया है। मनुष्यों को आलस्य त्याग कर सक्रिय होकर अपने कार्यों में लीन रहने की प्रेरणा दी गई है। अंततः यह संदेश दिया गया है कि आलस्य ही शरीर का सबसे बड़ा दुश्मन है। यह व्यक्ति को जीवन में सफल होने से रोकता है।
Key Topics
- •आलस्य के प्रकार
- •आलस्य के दुष्परिणाम
- •सक्रियता का महत्व
- •शारीरिक स्वास्थ्य
- •प्रेरणा के साधन
Learning Objectives
- ✓आलस्य के नकारात्मक प्रभावों को समझना
- ✓सक्रियता के लाभों की जानकारी प्राप्त करना
- ✓आलस्य त्यागने के उपाय जानना
- ✓स्वस्थ जीवन शैली का विकास करना
- ✓प्रेरणादायक वातावरण का महत्व समझना
Questions in Chapter
छात्राः प्रातः शीघ्रम
Answer: (उत् + ण्ष्ठ्)
Page 128
अम्ब! अहं क्रीडाथयं
Answer: (गच्छ)
Page 128
आगच्छन्तु, वयं प्राथयानागीतं
Answer: (गाय)
Page 128
ज्वरः अस्ति। पुत्र! वर्ष्टित्वौ न
Answer: (रिरीट)
Page 128
लते! भवती मम उपनेत्रं
Answer: (आ + नय)
Page 128
Additional Practice Questions
आलस्य का मनुष्य के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
mediumAnswer: आलस्य व्यक्ति को अपने लक्ष्यों से भटकाता है और इससे जीवन में प्रगति रुक जाती है।
आलस्य त्यागने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?
mediumAnswer: नियमित दिनचर्या, योग और ध्यान, सही आहार और प्रेरणादायक संगत से आलस्य दूर किया जा सकता है।
शारीरिक स्वास्थ्य के लिए सक्रियता क्यों आवश्यक है?
mediumAnswer: सक्रियता से हृदय स्वस्थ रहता है, ऊर्जा मिलती है और मानसिक स्थिति में सुधार होता है।
मनुष्य को आलस्य छोड़ कर क्या अपनाना चाहिए?
easyAnswer: मनुष्य को आलस्य छोड़कर ऊर्जा और सक्रियता को अपनाना चाहिए।
आलस्य कैसे हमारे लक्ष्यों को बाधित करता है?
mediumAnswer: आलस्य से व्यक्ति को अपने लक्ष्यों के प्रति रुचि नहीं रहती और वह योजनाओं को अपूर्ण छोड़ देता है।