Chapter 13: नृत्यांगना सुधा चंद्रन

Hindi - Durva • Class 7

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Chapter Analysis

Intermediate4 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय प्रसिद्ध नृत्यांगना सुधा चंद्रन के जीवन की कहानी है। यह उनके संघर्षों और संकल्प की कहानी है, जब एक दुर्घटना में उन्होंने अपना पैर खो दिया। इस कठिनाई के बावजूद, उन्होंने नृत्य की दुनिया में अपना नाम बनाया और एक प्रेरणा बनीं। उनके जीवन का यह सफर नई उमंग और आत्म-विश्वास को दर्शाता है।

Key Topics

  • सुधा चंद्रन का परिचय
  • दुर्घटना और चुनौतियाँ
  • डॉ. बसुधा की प्रेरणा
  • नृत्य में संघर्श
  • प्रमुख पुरस्कार और सम्मान

Learning Objectives

  • छात्र सुधा चंद्रन के जीवन से प्रेरणा ले सकें।
  • छात्र विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष का महत्व समझ सकें।
  • छात्र आत्मविश्वास और धैर्य के अद्वितीय उदाहरण सीखें।
  • छात्र भारतीय नृत्य की प्रभावशाली हस्तियों के बारे में जानें।

Questions in Chapter

सुधा के लीक से किस प्रकार का जुड़ाव रहा है?

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डॉ. बसुधा ने सुधा के लिए क्या किया?

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सुधा पूरे भारत में कैसे प्रसिद्ध हो गई?

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Additional Practice Questions

सुधा चंद्रन की जीवन में घटनाओं का सही क्रम बताइए।

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Answer: सुधा की नृत्य की प्रारंभिक शिक्षा, दुर्घटना में पैर का खोना, डॉ. बसुधा से प्रेरणा मिलना, नृत्य में नई शुरुआत।

सुधा चंद्रन ने अपनी कहानी किस प्रकार की प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत की?

medium

Answer: सुधा चंद्रन की कहानी यह सिखाती है कि किसी विकलांगता का होना जीवन की समाप्ति नहीं है; आत्मविश्वास और परिश्रम से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

उनके नृत्य में कौन-कौन सी विशेषताएं थीं जो उन्हें दूसरों से अलग बनाती थीं?

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Answer: उनके नृत्य की विशेषता उसमें शामिल आत्मा का भाव था जो दर्शकों को प्रेरित करता था।

सुधा चंद्रन ने अपने जीवन में कौन-कौन सी चुनौतियों का सामना किया?

medium

Answer: उन्होंने शारीरिक विकलांगता के बावजूद नृत्य की दुनिया में एक मुकाम हासिल किया।

सुधा चंद्रन की कहानी से क्या सिखने को मिलता है?

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Answer: यह कहानी आत्मविश्वास, धैर्य और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता पर जोर देती है।