Chapter 15: आश्रम का अनुमानित व्यय

Hindi - Vasant • Class 7

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Chapter Analysis

Intermediate6 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय महात्मा गांधी द्वारा स्थापित आश्रम के अनुमानित व्यय और उस समय की स्थिति को दर्शाता है। इसमें आर्थिक व्यवस्थाओं और देश की स्थिति का उल्लेख है जिसे सुधारने के लिए यह प्रयोग किया गया। इसमें गांधीजी की सोच और उनके द्वारा बनाये गए नियमों का विस्तार से वर्णन है। संस्कार, शिक्षा, और आत्मनिर्भरता के महत्व को भी इसमें बताया गया है।

Key Topics

  • महात्मा गांधी की सोच
  • आश्रम का प्रबंधन
  • आर्थिक प्रबंधन
  • शिक्षा और प्रशिक्षण
  • आत्मनिर्भरता
  • साधारण जीवन शैली
  • संस्कार और समाज सेवा
  • देश की स्थिति

Learning Objectives

  • विद्यार्थियों में आर्थिक प्रबंधन की समझ विकसित करना
  • समाज के प्रति जागरूकता बढ़ाना
  • व्यक्ति के जीवन में साधारणता का महत्व समझाना
  • नैतिक शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देना
  • आश्रम की परंपराओं और कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देना
  • आत्मनिर्भरता के महत्व को समझाना

Questions in Chapter

गाँधी जी ने विभिन्न संस्थाओं और आयोजनों का नेतृत्व किया। उनके जीवन या उनपर लिखी गई कितनी बातें आप पढ़ चुके हैं?

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आपको कोई बाल आश्रम खोलना है। इस चिट द्वारा प्रेरणा लेते हुए, उसका अनुमानित चिट बनाइए। इसमें दिए गए कौन-कौन से मुद्दों पर आप कितना खर्च करना चाहेंगे? कौन-कौन से नए मुद्दे जोड़ना-घटाना चाहेंगे?

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आपको कई बार लगता होगा कि आप कई छोटे-मोटे काम (जैसे-घर की सफाई, कपड़े धोना, खाना बनाना) करना चाहें तो कर सकते हैं। ऐसे कामों की सूची बनाइए, जिन्हें आप पसंद कर करके भी नहीं सीख पाते। इसके क्या कारण होंगे?

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इस अनुमानित चिट को गहराई से पढ़ने के बाद आश्रम के उद्देश्यों और कार्यप्रणाली के बारे में क्या-क्या अनुमान लगाए जा सकते हैं?

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Additional Practice Questions

गाँधीजी के समय के आर्थिक व्यवस्था और आज के समय की आर्थिक व्यवस्था में क्या फर्क है?

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Answer: गाँधीजी के समय में आर्थिक व्यवस्थाएँ आत्मनिर्भरता और साधारण जीवन शैली पर केंद्रित थीं जबकि आज के समय में आर्थिक व्यवस्थाएँ अधिक उपभोगवाद और तकनीकी प्रगति पर आधारित हैं।

साधारण जीवन शैली का महत्व क्या है?

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Answer: साधारण जीवन शैली का महत्व यह है कि यह मनुष्य को आत्मनिर्भर और सन्तुलित जीवन जीने में सहायता करती है। यह व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।

आश्रमों में शिक्षा का उद्देश्य क्या होता था?

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Answer: आश्रमों में शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों में नैतिक, सांस्कृतिक और आत्मनिर्भरता का विकास करना होता था।

आत्मनिर्भरता कैसे समाज के लिए लाभकारी हो सकती है?

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Answer: आत्मनिर्भरता से समाज की निर्भरताएँ कम होती हैं और यह आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देती है।

आपके अनुसार, आज के समय में गांधीजी के सिद्धांतों को कैसे अपनाया जा सकता है?

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Answer: गांधीजी के सिद्धांतों को आज के समय में पर्यावरणीय संरक्षण, स्वदेशी उत्पादों का उपयोग, और सामुदायिक जीवन शैली को बढ़ावा देकर अपनाया जा सकता है।