Chapter 5: क्या निराश हुआ जाए

Hindi - Vasant • Class 8

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Chapter Analysis

Intermediate8 pages • Hindi

Quick Summary

यह पाठ समाज के नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारियों की महत्वपूर्णता पर जोर देता है। लेखक ने अपने जीवन की दो घटनाओं के माध्यम से निःस्वार्थता, ईमानदारी और अच्छाई का महत्त्व बताया है। यह पाठ सिखाता है कि जीवन में भले ही कठिनाइयाँ हों, हमें कभी निराश नहीं होना चाहिए और सदैव सकारात्मक सोच रखनी चाहिए।

Key Topics

  • नैतिक मूल्य
  • सामाजिक ज़िम्मेदारी
  • निःस्वार्थता
  • ईमानदारी
  • अच्छाई का प्रचार
  • समाज सेवा

Learning Objectives

  • छात्र नैतिक मूल्यों का महत्त्व समझ सकें।
  • छात्र ईमानदारी और अच्छाई के महत्त्व को आत्मसात कर सकें।
  • छात्र जीवन की समस्याओं से निराश न हों।
  • छात्र समाज में सकारात्मक योगदान देने के तरीकों को पहचान सकें।

Questions in Chapter

नैतिक मूल्यों का पालन करना क्यों आवश्यक है?

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अच्छाई और बुराई के बीच चुनाव करते समय हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

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लेखक ने अपने जीवन की कौन सी घटनाएं बताई हैं? उनका जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?

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Additional Practice Questions

आपके जीवन की ऐसी कोई घटना बताइए जिसने आपको निःस्वार्थता सीखाई।

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Answer: बाल्यावस्था में, एक बार मैंने देखा कि मेरे मित्र ने अपनी पसंदीदा किताब एक अजनबी को बिना सोचे-समझे दे दी। मैंने उससे पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया, उसने कहा कि वह व्यक्ति किताब को पढ़ने के लिए बहुत उत्सुक था। इस घटना ने मुझे निःस्वार्थता का महत्त्व समझाया और हमें सिखाया कि किसी की ज़रूरत के लिए सहायता करना हमें खूद में संतुष्टि देता है।

दुनिया में ईमानदारी और नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए युवा पीढ़ी क्या कर सकती है?

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Answer: युवा पीढ़ी ईमानदारी और नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले स्वयं को उन सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। उदाहरण के लिए, कक्षा में नकल न करना, दोस्तों के साथ सच बोलना और समाज सेवा में भाग लेना। सोशल मीडिया का सही उपयोग करके और जागरूकता अभियान चला कर भी वे समाज में सुधार ला सकते हैं।