Chapter 4: जनजाति, दिकुस और स्वर्ण युग की दृश्य

History - Hindi • Class 8

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Chapter Analysis

Intermediate11 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय बिरसा मुंडा के नेतृत्व में आदिवासी आंदोलनों के बारे में है, जिनका उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्ति पाना और आदिवासियों के परंपरागत अधिकारों की रक्षा करना था। इसमें आदिवासी समाज की जीवनशैली और उनके संघर्षों की चर्चा की गई है। ब्रिटिश शासन के दौरान आदिवासी समाज किन कठिनाइयों का सामना कर रहा था और बिरसा मुंडा ने किस प्रकार उनके उत्थान के लिए संघर्ष किया, यह भी अध्याय में वर्णित है।

Key Topics

  • बिरसा मुंडा का जीवन
  • ब्रिटिश उपनिवेश के प्रभाव
  • आदिवासी समाज की चुनौतियाँ
  • दीकुओं का प्रभाव
  • आदिवासी आंदोलन
  • आदिवासियों का आर्थिक संघर्ष

Learning Objectives

  • आदिवासी समाज की संरचना को समझना
  • ब्रिटिश शासन की नीतियों का प्रभाव पहचानना
  • बिरसा मुंडा की क्रांति का विश्लेषण करना
  • दीकु शब्द का सामाजिक संदर्भ में अर्थ समझना

Questions in Chapter

ब्रिटिश शासन में भ्रमणशील किसानों के सामने कौन-सी समस्याएं थीं?

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औपनिवेशिक शासन के तहत आदिवासी मुखियाओं की ताकत में क्या बदलाव आए?

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दीकुओं से आदिवासियों के गुस्से के क्या कारण थे?

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बिरसा की कल्पना में स्वर्ण युग किस तरह का था? आपकी राय में यह कल्पना लोगों को इतनी आकर्षक क्यों लग रही थी?

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Additional Practice Questions

आदिवासी समाज की आर्थिक स्थिति पर ब्रिटिश नीतियों का क्या प्रभाव पड़ा?

medium

Answer: ब्रिटिश नीतियों से आदिवासी समाज की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई क्योंकि उन्हें अपनी जमीनों से बेदखल किया गया और उनके प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार छीना गया। उन्हें औपनिवेशिक प्रशासन के तहत मजबूर होकर मजदूरी करनी पड़ी।

बिरसा मुंडा के आंदोलन का राजनीति और समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?

hard

Answer: बिरसा मुंडा के आंदोलन ने आदिवासियों में राजनीतिक जागरूकता फैलाने और उनके पारंपरिक अधिकारों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह आंदोलन औपनिवेशिक सरकार को नई नीतियाँ लागू करने के लिए प्रेरित कर सका और आदिवासियों को संगठित होने का एक उदाहरण प्रस्तुत किया।

दीकु शब्द का अर्थ क्या है और इसे आदिवासी समाज में किस संदर्भ में प्रयोग किया जाता था?

easy

Answer: दीकु शब्द का प्रयोग आदिवासी समाज में बाहरी लोगों के लिए किया जाता था जो सामान्यतः आदिवासियों की भूमि पर कब्जा कर लेते थे और उनके संसाधनों का शोषण करते थे। यह शब्द उन लोगों के लिए था जो आदिवासियों की जीवनशैली और परंपराओं के लिए खतरा थे।

आदिवासी विद्रोहों के क्या कारण थे और उनकी प्रमुख विशेषताएं क्या थीं?

medium

Answer: आदिवासी विद्रोहों के कारणों में भूमि की हानि, शोषणकारी नीति, और परंपरागत अधिकारों का उल्लंघन शामिल थे। इन विद्रोहों की प्रमुख विशेषता थी उनका खुद का नेतृत्व, पारंपरिक प्रतीकों का प्रयोग, और आदिवासी समाज के संगठित प्रतिरोध।

बिरसा मुंडा के जीवन और उनके नेतृत्व के प्रमुख पहलू क्या थे?

hard

Answer: बिरसा मुंडा का जीवन गरीबी में बीता लेकिन उन्होंने दृढ़ संकल्प के साथ नेतृत्व किया। उनके प्रमुख पहलू थे उनकी करिश्माई नेतृत्व शक्ति, धार्मिक और सामाजिक सुधार का आह्वान, और अंग्रेजी शासन के खिलाफ कठोर प्रतिरोध।