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Chapter Analysis
Intermediate13 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में सामाजिक न्याय और कानूनों की भूमिका पर चर्चा की गई है, जो समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। अध्याय में विशेष रूप से यूनियन कार्बाइड दुर्घटना का उल्लेख है, जिसमें सुरक्षा उपायों की कमी के कारण कई श्रमिक प्रभावित हुए। इसके अतिरिक्त, पर्यावरणीय कानूनों और श्रमिक अधिकारों पर भी विस्तृत विचार किया गया है।
Key Topics
- •सामाजिक न्याय की अवधारणा
- •यूनियन कार्बाइड दुर्घटना
- •पर्यावरणीय कानून
- •श्रमिक अधिकार
- •कानून का कार्यान्वयन
- •श्रमिक सुरक्षा उपाय
Learning Objectives
- ✓कानून और समाज के बीच के संबंधों को समझना।
- ✓पर्यावरणीय कानूनों का महत्व समझना।
- ✓श्रमिक अधिकारों की आवश्यकता को पहचानना।
- ✓विशिष्ट मामलों में कानूनों के प्रभाव की जांच करना।
Questions in Chapter
नक्सलियों से यह उम्मीद क्यों की गई थी कि वे हमेशा पुलिस के हाथों से बच निकलेंगे?
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Additional Practice Questions
भारत में कानूनों का सही कार्यान्वयन क्यों महत्वपूर्ण है?
mediumAnswer: कानूनों का सही कार्यान्वयन समाज की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करता है। इससे लोगों में विश्वास जगता है कि उनके अधिकारों की रक्षा हो रही है और अन्याय से बचाव संभव है।
क्या कानून और सामाजिक न्याय अन्योन्याश्रित हैं? चर्चा करें।
mediumAnswer: हाँ, कानून सामाजिक न्याय का मुख्य आधार है। बिना कानूनों के, सामाजिक न्याय को लागू करना मुश्किल है क्योंकि ये कानून ही हैं जो न्याय के मापदंड तय करते हैं।
पर्यावरणीय प्रदूषण से निपटने के लिए कानून क्या भूमिका निभाते हैं?
mediumAnswer: पर्यावरणीय प्रदूषण से निपटने के लिए कानून शक्तिशाली तरीके से कार्य करते हैं। ये कानून प्रदूषण नियंत्रण के मानदंड निर्धारित करते हैं और उल्लंघनकर्ताओं के लिए दंड का प्रावधान करते हैं।
श्रमिक सुरक्षा कानूनों का पालन क्यों आवश्यक है?
mediumAnswer: श्रमिक सुरक्षा कानूनों का पालन श्रमिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए आवश्यक है। इन कानूनों की अनुपस्थिति में, श्रमिक खतरनाक परिस्थितियों में काम करने के लिए बाध्य हो सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय कंपनियों पर श्रम कानून कैसे प्रभाव डालते हैं?
mediumAnswer: अंतरराष्ट्रीय कंपनियों पर श्रम कानून इस तरह से प्रभाव डालते हैं कि वे अपने कार्यस्थलों पर सुरक्षा और श्रमिक अधिकारों का सम्मान करें। इससे श्रमिकों को उचित कार्य स्थितियां और उनका न्यूनतम वेतन सुनिश्चित होता है।