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Chapter Analysis
Intermediate16 pages • HindiQuick Summary
यह अध्याय भारत के भौतिक स्वरुप के विभिन्न पहलुओं को समझाता है। इसमें हिमालयी क्षेत्र, उत्तरी मैदान, प्रायद्वीपीय पठार, भारतीय मरुस्थल और तटीय मैदान का विवरण दिया गया है। यह भारतीय उपमहाद्वीप की भौगोलिक विविधता को दर्शाता है और इन क्षेत्रों की प्राकृतिक विशेषताएँ, मिट्टी और जलवायु का अध्ययन करता है।
Key Topics
- •हिमालय
- •उत्तरी मैदानी क्षेत्र
- •प्रायद्वीपीय पठार
- •भारतीय मरुस्थल
- •तटीय मैदान
- •जीव-जंतु और वनस्पति
- •मिट्टी प्रकार
- •जलवायु विविधता
Learning Objectives
- ✓भारत की भौगोलिक विविधता को पहचानना
- ✓विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के विशेषताओं को समझना
- ✓हिमालय के भौगोलिक और जलवायुवीय प्रभावों का विश्लेषण करना
- ✓प्रायद्वीपीय पठार की संरचना और विशेषताओं का अध्ययन करना
- ✓भारतीय मरुस्थल की जैव विविधता का मूल्यांकन करना
- ✓तटीय मैदान के पारिस्थितिकी तंत्र को समझना
Questions in Chapter
भारत के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों का संक्षिप्त वर्णन करें।
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हिमालय और उत्तरी मैदानी क्षेत्र के बीच क्या भिन्नताएँ हैं?
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कोणसी वनस्पतियाँ और जीव-जंतु हिमालयी क्षेत्र में पाए जाते हैं?
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प्रायद्वीपीय पठार की विशेषताएँ क्या हैं?
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भारतीय मरुस्थल का वर्णन करें।
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Additional Practice Questions
हिमालय किस प्रकार से भारत की जलवायु को प्रभावित करता है?
mediumAnswer: हिमालय भारत के उत्तरी भाग को ठंडी हवाओं से बचाता है और मानसूनी हवाओं को भारत में प्रवेश करने से पहले रोकता है, जिससे उत्तर में अधिक वर्षा होती है।
प्रायद्वीपीय पठार की भूविशेषताएँ अन्य क्षेत्रों से कैसे भिन्न हैं?
hardAnswer: प्रायद्वीपीय पठार ऊबड़-खाबड़ भूभागों का क्षेत्र है, जो ग्रेनाइट और गनीस जैसे पुरानी चट्टानों से बना है और इसकी अधिकतम ऊँचाई लगभग 900 मीटर है।
उत्तरी मैदान कृषि के लिए क्यों उपयुक्त हैं?
easyAnswer: उत्तरी मैदान का समतल भूभाग, उपजाऊ मिट्टी और जल स्रोतों की प्रचुरता इसे कृषि के लिए आदर्श बनाती है।
भारतीय मरुस्थल में किस प्रकार की जलवायु होती है?
mediumAnswer: भारतीय मरुस्थल में शुष्क जलवायु होती है जिसमें बहुत कम वर्षा होती है, और दिन और रात के तापमान में भारी अंतर होता है।
तटीय मैदान किन प्रमुख विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं?
easyAnswer: तटीय मैदान समतल भूमि हैं जो समुद्र के पास स्थित होती हैं, और यहाँ मिट्टी में लवणता की उच्च मात्रा होती है जिससे यहाँ विशेष प्रकार की खेती होती है।