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Chapter Analysis
Intermediate15 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में भारतीय जलवायु के प्रभावकर्ताओं और मौसमी परिस्थितियों का वर्णन किया गया है। यह विभिन्न प्रकार के मानसून, जैसे दक्षिण-वेस्ट मानसून और उत्तर-पूर्व मानसून, द्वारा ओस, वर्षा वितरण, हवा की गति, आर्द्रता और विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों पर उनके प्रभावों का अध्ययन करता है। इसमें तापमान के भिन्न-भिन्न वितरण और विभिन्न मौसम प्रणाली के कार्य पर भी जोर दिया गया है।
Key Topics
- •भारतीय जलवायु के कारक
- •दक्षिण-पश्चिम मानसून
- •उत्तर-पूर्व मानसून
- •तापमान वितरण
- •वर्षा वितरण
- •आर्द्रता
- •वायवीय परिस्थितियाँ
- •भौगोलिक प्रभाव
Learning Objectives
- ✓विभिन्न जलवायविक घटनाओं के प्रभाव को समझना
- ✓भारत की मौसमी वर्षा प्रणाली को जानना
- ✓तापमान और वर्षा के वितरण का विश्लेषण करना
- ✓वायवीय दबाव और हवा के प्रणाली पर विचार करना
- ✓भारत के मौसम पर भौगोलिक परिस्थितियों का प्रभाव समझना
- ✓जलवायविक आंकड़ों की व्याख्या करना
Questions in Chapter
भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक हैं?
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भारत में मौसमी प्रकार की जलवायु क्यों है?
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भारत के किस हिस्से में दैनिक तापमान अधिक होता है और क्यों?
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उन वायुओं के कारण मालाबार तट पर वर्षा होती है?
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जलवायु को परिभाषित कीजिये। जलवायु में भोंग्रस से आप क्या समझते हैं?
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Additional Practice Questions
भारत में उत्तरी और दक्षिणी मानसून की विशेषताएँ क्या हैं?
mediumAnswer: उत्तरी मानसून ठंडी हवाएँ लेकर आता है जबकि दक्षिणी मानसून गर्म और नमी से भरी हवाएं लाता है। ये दोनों मानसून भारत के कृषि पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं।
भारत में मानसून के परिभ्रमण का क्या अर्थ है?
mediumAnswer: यह प्रक्रिया है जिसमें मानसूनी हवायें भारत के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में वर्षा लाती हैं, जैसे कि दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर दिशा की ओर बढ़ता है और उत्तर-पूर्व मानसून दक्षिण की ओर लौटता है।
क्यों कुछ क्षेत्रों में वर्षा अधिक मात्रा में होती है जबकि कुछ में कम?
hardAnswer: यह मुख्यतः भौगोलिक स्थिति, वायवीय परिस्थितियों एवं स्थानिक ऊँचाई के कारण होता है। उदाहरण के लिए, पश्चिमी घाट के पश्चिमी हिस्सों में अधिक वर्षा होती है।
जलवायु में परिवर्तन कैसे होते हैं और इसका कृषि पर क्या प्रभाव पड़ता है?
hardAnswer: जलवायु में परिवर्तन तापमान, वर्षा, आर्द्रता के विभिन्न मापदंडों में उतार-चढ़ाव से होते हैं। इसका कृषि पर प्रभाव सीधे फसल उत्पादन, मिट्टी की गुणवत्ता और पानी की उपलब्धता पर पड़ता है।
वर्षा चक्र के कौन-कौन से चरण हैं?
easyAnswer: वर्षा चक्र मुख्यतः वाष्पीकरण, संक्षेपण और वर्षा के तीन चरणों में बँटा होता है।