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Chapter Analysis
Intermediate7 pages • HindiQuick Summary
यह अध्याय रामायण के प्रमुख प्रसंग जटायू और रावण के बीच के संघर्ष का वर्णन करता है। जटायू सीता के अपहरण को रोकने के प्रयास में अपने प्राणों की आहुति देता है। रावण द्वारा सीता के अपहरण को सुन जटायू उनकी रक्षा के लिए लड़ता है और वीरगति को प्राप्त होता है। यह कथा जटायू के शौर्य, साहस और आत्मसमर्पण की मिसाल प्रस्तुत करती है।
Key Topics
- •जटायू का शौर्य
- •राम और लंका का युद्ध
- •सीता का अपहरण
- •धर्म और वीरता
- •रावण की पौरुषता
- •जटायू का बलिदान
Learning Objectives
- ✓सीता के अपहरण का वर्णन और उसका धार्मिक महत्व समझना।
- ✓रामायण की घटनाओं से जटायू की भूमिका को पहचानना।
- ✓शौर्य और बलिदान के महत्त्व को आंशिक रूप से समझकर आचरण में लाना।
- ✓वीरता और धैर्य का महत्व रामायण के परिप्रेक्ष्य में समझना।
Questions in Chapter
तजायः ! पित्र्यं किमिति नभसि प्रकाशते ?
Answer: तजायोः शौर्यमिति अपनिवृत्तिमुत्सहे।
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स रक्षसां राजा दासं कथं विचरति?
Answer: अपनी पौरुष के गर्व में।
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Additional Practice Questions
जटायू ने रावण के साथ किस प्रकार का संघर्ष किया?
hardAnswer: जटायू ने रावण का सामना अपनी पूरी शक्ति और साहस के साथ किया, जब उसने सीता का अपहरण किया। उसने रावण की गाड़ी के पहियों और घोड़ों को बेकार किया।
जटायू के बलिदान का क्या महत्व है?
mediumAnswer: जटायू का बलिदान उन लोकों में एक मजबूत संदेश देता है कि धर्म और न्याय की रक्षा के लिए वीरता की आवश्यकता होती है, भले ही यह जीवन के मूल्य पर हो।
जटायू का नाम क्यों प्रसिद्ध है?
easyAnswer: जटायू एक प्रसिद्ध पात्र है क्योंकि उसने सीता को रावण के चंगुल से मुक्त कराने की कोशिश की और अपने जीवन का बलिदान दिया।
रामायण में जटायू की भूमिका क्या है?
mediumAnswer: रामायण में जटायू की भूमिका राम के मित्र और सहयोगी की है, जिसने अपने प्राणों की आहुति देकर सीता की रक्षा का प्रयास किया।
जटायू और रावण के बीच की लड़ाई का वर्णन करें।
hardAnswer: जटायू ने रावण के साथ एक भयंकर युद्ध किया, जिसमें उसने रावण के रथ के पहिये और घोड़े को नुक्सान पहुँचाया, लेकिन अंततः रावण ने उसे हराया।