Chapter 1: वर्ण विचार

Sanskrit - Vyakaranavithi • Class 9

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Chapter Analysis

Intermediate8 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय वर्ण विचार पर केंद्रित है जहाँ विभिन्न प्रकार के स्वरों और व्यंजनों के उच्चारण और उनके भेदों की चर्चा की गई है। यह अध्याय विशद रूप से अनुनासिक और निःसर्गिक वर्णों के अंतर को स्पष्ट करता है। उच्चारण स्थान और प्रयत्न के विभिन्न प्रकारों का वर्णन भी शामिल है। उच्चारण के स्रोत और स्थान को समझने के लिए तालिका एवं उदाहरणों का प्रयोग किया गया है।

Key Topics

  • स्वर के प्रकार
  • व्यञ्जन के वर्ग
  • उच्चारण स्थान
  • उच्चारण प्रयत्न
  • वर्ण विचार
  • अनुनासिक और निःसर्गिक वर्ण
  • स्पृष्ट और ईषत् स्पृष्ट
  • प्रत्याहार

Learning Objectives

  • छात्र स्वर और व्यञ्जन में भेद कर सकेंगे।
  • उच्चारण स्थानों की पहचान कर सकेंगे।
  • उच्चारण प्रयत्न की प्रक्रिया समझ सकेंगे।
  • वाक्य के वर्णों को अनुक्रमित कर सकेंगे।
  • अनुनासिक और निःसर्गिक का अनुप्रयोग जान सकेंगे।
  • संस्कृत वर्ण विचार का समग्र ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे।

Questions in Chapter

प्र.1. अधोलिलितेषु प्रत्याहयारेषु पररगलितयान् विया्यन लिखित— i) इक् ii) जश् iii) ऐच् iv) हश् v) अट् vi) झश्

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प्र.2. अधोलिलितयानं व्यञ्जनयां उच्चारिस्यानं लिखित— i) कवर्ग (क्, ख्, र्, घ्, ङ्) ii) टवर्ग (ट्, ठ्, ड्, ढ्, ण्) iii) पवर्ग (प्, फ्, ब्, भ्, म्) iv) इ, च्, श्

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प्र.3. उदयाहरिमनुसृत् व्यञ्जन पृथकृत् लिखित— गजः i) कमलम् ii) भोजनम् iii) रच्छथि iv) अनुपिथि v) राघवः

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प्र.4. उदयाहरिमनुसृत् व्यञ्जनया संयोजनं कुरुत— अहम् i) प + उ + स + ि + अ + क् + आ + न + इ ii) प + अ + ठ् + इ + ष् + आ + म + इ iii) र + ऋ + ह् + अ + म् iv) श + ओ + भ् + अ + न + अ + म् v) भ् + अ + व् + इ + ि + अ + व् + अ + म्

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प्र.5. सुव्यवस्थित व्यञ्जन पृथकृत् पूर्त— i) क्ष = क् +....+.... ii) त्र = ....+ र्+.... iii) श्र = ....+....+ अ iv) ज्ञ = ज्+ञ्+.... v) ए = अ +.... vi) ओ = ....+ उ

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Additional Practice Questions

स्वरों के कितने भेद होते हैं और उनके नाम क्या हैं?

medium

Answer: स्वर तीन प्रकार के होते हैं: ह्रस्व, दीर्घ और प्लुत। प्रतिप्रकार के स्वर के उच्चारण का अलग समय एवं विधि होती है।

उच्चारण के स्थान कैसे विभाजित किए गए हैं?

medium

Answer: उच्चारण के स्थानों को कण्ठ, तालु, मूर्धा, दन्त, ओष्ठ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये स्थाने उच्चारण में विभिन्न ध्वनियों की उत्पत्ति में सहायक होते हैं।

व्यञ्जन वर्ण के कितने भेद हैं और उन्हें कौन-कौन से हैं?

hard

Answer: व्यञ्जन वर्ण के पांच भेद हैं: क वर्ग, च वर्ग, ट वर्ग, त वर्ग, और प वर्ग। प्रत्येक वर्ग के उच्चारण के लिए विशिष्ट स्थान तय किए गए हैं।

ईषत् स्पृष्ट प्रयत्न किसे कहते हैं?

medium

Answer: ईषत् स्पृष्ट प्रयत्न उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें जिह्वा विभिन्न उच्चारण स्थलों को थोड़ा ही स्पर्श करती है, जिससे क्रमिक ध्वनियों का उत्पादन होता है।

वर्ण विचार का क्या अर्थ है?

easy

Answer: वर्ण विचार का अर्थ है वाक्य के विभिन्न वर्णों का अध्ययन करना, जिसमें स्वर और व्यञ्जन के लक्षण, भेद, और उनके उच्चारण के स्थान एवं प्रयत्न शामिल हैं।