Chapter 5: धातुरूप – सामान्य परिचय

Sanskrit - Vyakaranavithi • Class 9

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Chapter Analysis

Intermediate10 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में धातुरूपों का मूल परिचय दिया गया है। यहाँ पर विभिन्न संस्कृत लकारों का वर्णन किया गया है, जैसे लट्, लङ्, लोट् आदि। इन लकारों का प्रयोग काल विशेष को व्यक्त करने के लिए होता है। विद्यार्थियों को विभिन्न धातुओं के रूप और उनके प्रत्ययों के बारे में बताया गया है।

Key Topics

  • लट् लकार
  • लोट् लकार
  • लङ् लकार
  • संस्कृत धातुओं का सामान्य परिचय
  • प्रत्ययों का उपयोग
  • विभिन्न लकारों के प्रयोग
  • धातु से शब्द निर्माण की प्रक्रिया

Learning Objectives

  • विद्यार्थी संस्कृत के प्रमुख लकारों को पहचान सकें।
  • धातु और प्रत्यय का उचित उपयोग समझ सकें।
  • लकारों के माध्यम से भूत, भविष्य और वर्तमान काल को भिन्न कर सकें।
  • आत्मनेपदी और परस्मैपदी धातुओं का अंतर समझ सकें।
  • व्याकरण के नियमों को दैनिक जीवन में लागू कर सकें।

Questions in Chapter

पुस्तकार्थे पठन्ति।

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पुस्तकार्थे पठन्ति।

Answer: विप्रो भाश्यसमासान्ते पठित।

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Additional Practice Questions

लोट् लकार का प्रयोग किस प्रकार की घटनाओं के लिए होता है?

medium

Answer: लोट् लकार का प्रयोग आज्ञा, निवेदन या प्रार्थना हेतु होता है।

धातुरूप और प्रत्यय का क्या महत्व है?

hard

Answer: धातुरूप और प्रत्यय संस्कृत व्याकरण में क्रिया के स्वरूप और काल को व्यक्त करते हैं।

लङ् लकार किस काल को व्यक्त करता है?

easy

Answer: लङ् लकार भूत (भूतकाल) को व्यक्त करता है।

लिट् लकार का उपयुक्त उदाहरण दें।

medium

Answer: रामः रावणं जघान।

आत्मनेपदी धातुओं के उदाहरण दें।

hard

Answer: सेवते, सेवमहे