Loading PDF...
Chapter Analysis
Intermediate14 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में खाद्य संसाधनों के सुधार पर चर्चा की गई है। इसमें खेती के तरीकों के उन्नयन, पोषण तत्वों की महत्वपूर्णता, और पशुपालन में उन्नति पर प्रकाश डाला गया है। जैविक खेती और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग की आवश्यकता को भी समझाया गया है। गहन कृषि कार्यों के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने के तरीके सुझाए गए हैं।
Key Topics
- •खेतों में पोषण तत्वों की महत्वपूर्णता
- •पशुपालन में सुधार
- •जैविक खेती के लाभ
- •जल संरक्षण और संसाधनों का व्यपक प्रयोग
- •मछली पालन के तरीके
- •फसल सुरक्षा के उपाय
- •तापमान और फसल वृद्धि के संबंध
Learning Objectives
- ✓विद्यार्थी खाद्य संसाधनों की उन्नति को समझ सकें
- ✓खेतों में पोषण तत्वों की भूमिकाओं पर विचार करें
- ✓फसल सुरक्षा विधियों की जरूरत और उनके लागूकरण को जानें
- ✓जल संसाधनों के महत्व को पहचानें
Questions in Chapter
फसलों की सुरक्षा के लिए निषेध विधियाँ और जैव प्रबंधन क्यों अच्छा माना जाता है?
Page 166
वार्डिंग की प्रक्रिया में कौन-से तत्व निरुत्साही के रूप में कार्य करते हैं?
Answer: कार्बनिक पदार्थ और प्रोटीन प्रमुख अनुत्कारीक होते हैं।
Page 169
Additional Practice Questions
क्या जल संचयन भारतीय परिप्रेक्ष्य में एक उत्तम उपाय है?
mediumAnswer: हाँ, भारत में जल की कमी को देखते हुए, जल संचयन वर्षा जल को एकत्र करने का एक कारगर उपाय है जो पानी को संरक्षित रखता है और कृषि में सहायता करता है।
जैविक खेती के लाभ क्या हैं?
easyAnswer: जैविक खेती से भूमि की उर्वरता बढ़ती है, रासायनिक खादों का इस्तेमाल नहीं होता और यह पर्यावरण के लिए अनुकूल होती है।
मछली पालन में कौन-कौन से विधियां अपनाई जा सकती हैं?
hardAnswer: मछली पालन के लिए तालाब खेती, रिसर्क्युलेशन मछली प्रणाली और जलाशय पालन मुख्य विधियां हैं। इनमें जल गुणवत्ता का ध्यान रखना और उचित आहार देना आवश्यक है।