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Chapter Analysis
Intermediate14 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में परमाणु और अणु की अवधारणाओं का परिचय दिया गया है। इसमें द्रव्य के संरचनात्मक इकाई परमाणुओं का अध्ययन और उनके संगठित रूपों, जैसे अणु, पर चर्चा की गई है। विभिन्न रासायनिक तत्वों के परमाणु भार, और अणु भार की गणना करने की प्रक्रियाएँ शामिल हैं। साथ ही, रासायनिक सम्मिश्रणों और उनके अनुपातिकता के सिद्धांतों को समझने पर ज़ोर दिया गया है।
Key Topics
- •परमाणु और अणु
- •डाल्टन का परमाणु सिद्धांत
- •मोलर द्रव्यमान की अवधारणा
- •परमाणु भार और अणु भार की गणना
- •रासायनिक तत्वों का संयोजन
- •रासायनिक प्रतिक्रियाओं और समीकरणों का संतुलन
Learning Objectives
- ✓परमाणु और अणु की अवधारणा को समझना
- ✓डाल्टन के परमाणु सिद्धांत की व्याख्या करना
- ✓मोलर द्रव्यमान की गणना के सिद्धांत को लागू करना
- ✓रासायनिक समीकरणों को संतुलित करने की विधियों में सक्षम बनना
- ✓रासायनिक प्रक्रियाओं में द्रव्यमान संरक्षण के सिद्धांतों को समझना
Questions in Chapter
किसी रासायनिक प्रक्रिया में उत्प्रेरकों और उत्पादों के परमाणु भारों का योग?
Answer: उत्प्रेरक और उत्पाद के परमाणु भारों का योग समान होता है।
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डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के अनुसार अणु किससे बने होते हैं?
Answer: सभी तत्वों के अणु परमाणुओं से बने होते हैं।
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Additional Practice Questions
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत को समझाएँ।
mediumAnswer: डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के अनुसार, द्रव्य सूक्ष्म, अविभाज्य कणों से मिलकर बना है जिसे परमाणु कहते हैं। यह सिद्धांत कहता है कि सभी प्रकट रासायनिक प्रतिक्रियाओं के दौरान परमाणु अपरिवर्तनीय रहते हैं।
मोलर द्रव्यमान की गणना का उदाहरण दें।
easyAnswer: जैसे, जल (H2O) का मोलर द्रव्यमान = 2(हाइड्रोजन का परमाणु भार 1) + 1(ऑक्सीजन का परमाणु भार 16) = 18 ग्राम प्रति मोल।
परमाणु भार और अणु भार में अंतर स्पष्ट करें।
mediumAnswer: परमाणु भार एक एकल परमाणु का द्रव्यमान है, जबकि अणु भार कई परमाणुओं के समूह का संयुक्त द्रव्यमान है।
रासायनिक सूत्र और इसे कैसे लिखा जाता है?
hardAnswer: रासायनिक सूत्र में तत्व के प्रतीक और उसके परमाणु संख्या को दिखाया जाता है। यह एक अणु के निर्माण में तत्वों के अनुपात को दर्शाता है। उदाहरण: H2O।
रासायनिक प्रतिक्रियाओं में वजन संतुलन क्यों आवश्यक है?
mediumAnswer: क्योंकि रासायनिक समीकरणों में द्रव्यमान का संरक्षण होता है; प्राप्त उत्पादों का कुल द्रव्यमान प्रारंभिक पदार्थों के कुल द्रव्यमान के बराबर होता है।