Chapter 12: अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले

Hindi - Sparsh • Class 10

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Chapter Analysis

Intermediate4 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय मानवीय संवेदनाओं की गिरावट पर प्रकाश डालता है। लेखक ने संवेदनाएं और नैतिकता की कमी को रेखांकित किया है, जो आधुनिक समाज में आम हो गई हैं। लोगों का दूसरे के दुख से दुखी होना अब कम हो गया है। इस विषय के माध्यम से, यह अध्याय मानवता और सामाजिक कर्तव्यों की याद दिलाता है।

Key Topics

  • संवेदनाओं की कमी
  • मानवता का गिरावट
  • सामाजिक दायित्व
  • मानवीय संबंध
  • संवेदनशीलता
  • नैतिकता

Learning Objectives

  • छात्र संवेदनाओं की महत्ता को समझ पाएं
  • छात्र समाज में मानवीय मूल्यों को पहचान पाएं
  • संवेदनशीलता के सामाजिक प्रभाव को समझना
  • दूसरों के दुख में सहभागी होने की आवश्यकता समझना

Questions in Chapter

लेखक का घर किस शहर में था?

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जीवन क्यूँ बस्तियों में सिमटने लगा है?

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गरीब किसान के पिता ने अपने बेटे का बोझ क्यों उतारा?

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Additional Practice Questions

अध्याय में मानवता के गिरावट की किन-किन घटनाओं का उल्लेख किया गया है?

medium

Answer: अध्याय में लेखक ने बताया है कि कैसे लोग अब दूसरों के दुख से उदास नहीं होते। सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की संवेदनशीलता अब दुर्लभ हो गई है।

'दूसरे के दुख से दुखी होना' इस वाक्यांश का क्या अर्थ है?

easy

Answer: इस वाक्यांश का अर्थ है कि किसी अन्य व्यक्ति के दुख से दुखी होना, जो दुर्लभ होता जा रहा है।

संवेदनाओं की गिरती स्थिति का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?

hard

Answer: संवेदनाओं की कमी के कारण लोग सामाजिक दायित्व भूल जाते हैं, जिससे समाज में अशांति और असमानता बढ़ती है।

लेखक ने संवेदनाओं के संदर्भ में समाज के गिरावट को कैसे दर्शाया है?

medium

Answer: लेखक ने बताया है कि लोग अब भावनात्मक रूप से एक-दूसरे से कटे हैं। ऐसे में मानवीय संबंधों और सहयोग में कमी आई है।

इस अध्याय के माध्यम से लेखक किस प्रकार की सामाजिक चेतना उत्पन्न करना चाहते हैं?

medium

Answer: लेखक समाज में संवेदनशीलता और मानवीयता को पुनर्जीवित करने का अभियान चलाना चाहते हैं ताकि लोग एक-दूसरे के दुख में साथी बन सकें।