Chapter 2: संघवाद

Political Science (Civics) - Hindi • Class 10

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Chapter Analysis

Intermediate28 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय संघवाद की परिभाषा और उसके महत्व पर केंद्रित है। इसमें बताया गया है कि भारत में संघीय व्यवस्था कैसे कार्य करती है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्ति और ज़िम्मेदारी का बंटवारा है। विभिन्न सूचियों के माध्यम से विषयों का प्रबंधन कैसे किया जाता है और कैसे केंद्र और राज्य दोनों प्रशासनिक कार्यों में संलग्न होते हैं, यह समझाया गया है। साथ ही, वहाँ विशेष प्रावधानों और संरचनाओं की चर्चा है जो अलग-अलग राज्यों की संवैधानिक स्थिति को परिभाषित करती हैं।

Key Topics

  • संघवाद की परिभाषा और महत्व
  • केंद्र और राज्य के बीच शक्तियों का बंटवारा
  • विभिन्न सूचियां और उनके अधीन विषय
  • समवर्ती सूची में विषयों का प्रबंधन
  • विभिन्न राज्यों के लिए विशेष प्रावधान
  • संघीय ढांचे की भारतीय विशेषताएँ
  • शक्ति के वितरण में संवैधानिक प्रावधान

Learning Objectives

  • संघवाद की मूलभूत समझ विकसित करना
  • भारतीय संघीय प्रणाली के केंद्रीय तत्वों की पहचान करना
  • केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्ति के वितरण का विश्लेषण करना
  • संविधान में उल्लिखित विशेष प्रावधानों की चर्चा करना
  • विभिन्न सूचियों के तहत विषयों के वर्गीकरण को समझना

Questions in Chapter

भारत के संघीय प्रशासन के विभिन्न स्तरों और उनके कानून बनाने के अधिकार-क्षेत्र के जोड़ों में कौन सा जोड़ा सही मेल नहीं खाता है?

Answer: राज्य सरकार - राज्य सूची, केंद्र सरकार - संघ सूची, केंद्र और राज्य सरकार - समवर्ती सूची, स्थानीय सरकार - अवशिष्ट अधिकार

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सूची I और सूची II में मेल ढूँढ़ें और नीचे दिए गए कोड के आधार पर सही उत्तर चुनें।

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इन बयानों पर गौर करें और बताएं कि कौन सा सही है: (अ) भारत में संघीय प्रशासन की व्यवस्था है, (ब) संघ संविधान की परिधि में रहते हुए काम करता है।

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Additional Practice Questions

संघवाद का महत्व क्या है और यह भारत के प्रशासन में कैसे योगदान करता है?

medium

Answer: संघवाद का महत्व मुख्यतः विभिन्न स्तरों की सरकारों के बीच शक्ति के संतुलन में है, जो लोकतंत्र के संवर्द्धन और स्थानीय प्रशासनिक समस्याओं के समाधान में सहायक होता है। संघीय प्रणाली सरकार के विभिन्न स्तरों को अधिक सशक्त बनाती है, जिससे व्यापक विकेंद्रीकरण संभव होता है और क्षेत्रीय विविधताओं को ध्यान में रखते हुए नीतियाँ बनाई जाती हैं।

समवर्ती सूची के अंतर्गत कौन-कौन से विषय आते हैं और इसमें केंद्र व राज्य सरकारों के क्या अधिकार होते हैं?

hard

Answer: समवर्ती सूची में वे विषय आते हैं जो दोनों केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। इनमें शिक्षा, वन, आर्थिक अपराध और नागरिक सुरक्षा जैसे विषय शामिल हैं। यदि केंद्र और राज्य के कानूनों में अंतर्विरोध होता है, तो आमतौर पर केंद्र सरकार का कानून मान्य होता है।

भारतीय संविधान में संघवाद किस प्रकार परिभाषित किया गया है?

medium

Answer: भारतीय संविधान में संघवाद को शक्तियों के बंटवारे के रूप में परिभाषित किया गया है जो केंद्र और राज्य सरकारों के बीच है। यह संरचना केंद्र और राज्य दोनों के संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करती है और उन्हें संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों में स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट किया गया है।

भारतीय राजनीति की संघीय विशेषताओं का उल्लेख करें।

easy

Answer: भारतीय राजनीति की संघीय विशेषताओं में स्थायी संविधान, दोहरी सरकार की व्यवस्था, शक्तियों का बंटवारा, स्वतंत्र न्यायपालिका और द्विसदनीय विधायिका शामिल हैं। ये विशेषताएँ संघीय संरचना को मज़बूत करती हैं और सत्ता के दुरुपयोग को रोकती हैं।

संविधान के किन अनुच्छेदों में विशेष प्रावधानों की व्यवस्था की गई है?

hard

Answer: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371 में विभिन्न राज्यों के लिए विशेष प्रावधानों की व्यवस्था की गई है। यह प्रावधान राज्यों की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक संरचना को ध्यान में रखते हुए उनके अद्वितीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किये गए हैं।