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Chapter Analysis
Advanced10 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में सन्धि के विभिन्न प्रकारों पर चर्चा की गई है। सन्धि का स्वरूप कैसे होता है, इसका नियम कैसे बदलते हैं, और उनके उदाहरण भी दिए गए हैं। अध्याय में व्यंजन सन्धि, विसर्ग सन्धि और दीर्घ एवं गुण सन्धियों के विवरण प्रदान किए गए हैं।
Key Topics
- •सन्धि के प्रकार
- •स्वरसन्धि
- •व्यंजनसन्धि
- •विसर्गसन्धि
- •सन्धि के उदाहरण
- •सन्धि के नियम
- •ध्वनि स्वरूप में बदलाव
- •सन्धि के महत्त्व
Learning Objectives
- ✓सन्धि के प्रकारों की पहचान करना।
- ✓सन्धि के सूक्ष्म परिवर्तनों को समझना।
- ✓व्याकरण में सन्धि के योगदान का आकलन करना।
- ✓भाषायी प्रवाह में सन्धि की उपयोगिता जानना।
- ✓पाठ्यक्रम में दिए गए उदाहरणों का अभ्यास करना।
- ✓स्वर एवं व्यंजन के मध्य सन्धि का अभ्यास करना।
Questions in Chapter
सन्धि किसे कहते हैं?
Answer: सन्धि का अर्थ है दो शब्दों या ध्वनियों का मेल।
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सन्धि के कितने प्रकार होते हैं?
Answer: सन्धि के तीन मुख्य प्रकार होते हैं - स्वरसंधि, व्यंजनसंधि, और विसर्गसंधि।
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Additional Practice Questions
विसर्ग सन्धि कैसे बनती है?
mediumAnswer: विसर्ग सन्धि में विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन आकर उसमें परिवर्तन करता है। जैसे 'ज्ञानः+आयः=ज्ञानायः'।
स्वरसन्धि के अंतर्गत क्या-क्या आता है?
mediumAnswer: स्वरसन्धि में अकार, आकार, इक, ईक, ऊक, ओक, औक के मेल से सन्धि बनती है।
व्यंजनसन्धि का नियम समझाएँ।
hardAnswer: व्यंजनसन्धि में व्यंजन के बाद आने वाले स्वर या व्यंजन से उसके उच्चारण में होने वाला परिवर्तन होता है। जैसे 'तिष्ठति + अटल = तिष्ठत्यटल'।
सन्धि के नियमों को पहचानने का महत्त्व क्या है?
easyAnswer: सन्धि के नियम भाषा के प्रवाह और स्पष्टता को बढ़ाते हैं, साथ ही पाठ को समझने में भी सहायक होते हैं।
बिसर्ग सन्धि के उपरांत जब 'ऋ' का प्रयोग होता है तो क्या परिवर्तन होता है?
hardAnswer: 'ऋ' के उपरांत 'अ' के आने से उसे 'र' में बदलकर एक नया स्वरुप प्राप्त होता है।