Chapter 7: समासा:

Sanskrit - Abhyaswaan Bhav • Class 10

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Chapter Analysis

Intermediate10 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय 'समासा:' संस्कृत व्याकरण के अंतर्गत समासों के विभिन्न प्रकारों की व्याख्या करता है। इसमें अव्ययीभाव, तत्पुरुष, बहुव्रीहि, द्वंद्व और अन्य समासों का वर्णन और उनके उदाहरण दिए गए हैं। छात्र समासों के निर्माण और उनके प्रयोग में सक्षम हो जाते हैं। विभिन्न प्रकार के समासों का विस्तृत अध्ययन इस अध्याय का मुख्य विषय है।

Key Topics

  • समास की परिभाषा
  • अव्ययीभाव समास
  • तत्पुरुष समास
  • बहुव्रीहि समास
  • द्वंद्व समास
  • समास विग्रह
  • समास प्रयोग
  • समास के प्रकार

Learning Objectives

  • समास का संज्ञान और परिभाषा समझना
  • विभिन्न समासों के प्रकार पहचानना
  • समास विग्रह करना
  • समास के प्रयोग में सुधार करना
  • अध्ययन में समासों के महत्व को समझना

Questions in Chapter

अधोलिखितसमस्तपद्भ्यः विग्रहः करवाणि च

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समासानां तर्ख्यानम् करोति च

Page 54

Additional Practice Questions

समास का क्या अर्थ होता है? उदाहरण देकर समझाइए।

easy

Answer: समास का अर्थ होता है दो या अधिक शब्दों का संक्षिप्त रूप में मिलाना। जैसे 'रामस्य पत्नी सीता' का समास 'रामपत्नी' हो सकता है।

अव्ययीभाव समास के लक्षण क्या होते हैं?

medium

Answer: अव्ययीभाव समास में, पहला पद अव्यय होता है और समास का अर्थ उस अव्यय से युक्त होता है।

द्वंद्व समास के उदाहरण दीजिए और उनका विश्लेषण कीजिए।

medium

Answer: द्वंद्व समास में दोनों पद समान रूप से महत्वपूर्ण होते हैं, जैसे राम-लक्ष्मण। यहां दोनों भाई समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।

बहुव्रीहि समास के विशेषता को स्पष्ट कीजिए।

hard

Answer: बहुव्रीहि समास वह होता है जिसमें समास के किसी पद से अर्थ नहीं निकलता, जैसे 'राजपुत्री' जिसका अर्थ है राजा की बेटी, न कि राजाओं की बेटी।

तत्पुरुष समास को कैसे पहचाना जा सकता है?

hard

Answer: तत्पुरुष समास में पहला पद संज्ञा के रूप में प्रधान होता है। जैसे 'राजपरीक्षक' का अर्थ है राजा के लिए परीक्षक।