Chapter 4: सब्दरूप – सामान्य परिचय

Sanskrit - Vyakaranavithi • Class 10

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Chapter Analysis

Intermediate6 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय का मुख्‍य ववषय शब्‍दरूपों का सामान्य परिचय है। इसमें संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण शब्‍दों के विभिन्‍न रूपों का वर्णन किया गया है, जो व्‍यवहार में आते हैं। इसके अंतर्गत अकारान्‍त, आकारान्‍त, इकारान्‍त आ‍दि विभक्ति रूपों का स्‍पष्टीकरण दिया गया है। यह न केवल शब्‍दरूपों का अनुसंधान करता है बल्कि उनकी विभक्ति और वाक्‍य में प्रयोग के नियमों को भी समझाता है।

Key Topics

  • संज्ञा शब्‍द
  • सर्वनाम शब्‍द
  • विभवति रूप
  • अकारान्‍त शब्‍द
  • व्‍यञजनान्‍त शब्‍द
  • संख्यावाचक शब्‍द
  • व्‍याकरणीय नियम
  • शब्‍दरूप परिचय

Learning Objectives

  • विभिन्‍न शब्‍दरूपों का ज्ञान प्राप्त करना
  • विभक्ति और रूपांतरण का विश्लेषण
  • संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण की पहचान
  • व्‍याकरणीय संरचना का समझ
  • वाक्‍यों में सही रूपों का चयन
  • शब्‍दरूपों का व्यावहारिक अनुप्रयोग

Questions in Chapter

कोष्‍ठके प्र‍दत्तप‍दानां समुवचतविभव्‍तप्र‍योगेण स्‍थान पूरय:

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कोष्‍ठके प्र‍दत्तप‍ेदभ‍य: समुवचतं प‍द विनिर्दिश्य स्‍थान पूरय:

Page 40

Additional Practice Questions

अकारान्‍त पु‍लिंग शब्‍द 'बालक' के विभक्ति रूप लिखें।

medium

Answer: प्रथमा: बालक:, षष्ठी: बालकस्यम्, सप्तमी: बालके।

आकारान्‍त स्‍त्रीलिंग शब्‍द 'लता' के विभक्ति रूप लिखें।

medium

Answer: प्रथमा: लता, वीत्या: लताम्, सप्तमी: लतायाम्।

इकारान्‍त पु‍लिंग शब्‍द 'कवि' के विभक्ति रूप लिखें।

medium

Answer: प्रथमा: कविः, वीत्या: कविम्, सप्तमी: कवे।

उदाहरण सहित 'व्‍यञजनान्‍त' शब्‍दों का विभाजन करें।

hard

Answer: व्‍यञजनान्‍त शब्‍द का उदाहरण है 'विप्र', 'भवत्', जो क्, च्, ट् आ‍दि व्‍यञजन से अंत होते हैं।

शब्‍द रूपों का व्‍याकरण में महत्त्व क्‍या है?

easy

Answer: शब्‍दरूप व्‍याकरण में शब्‍दों के रूप, इतिवृत्त, और समास के वेरिफिकेशन के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।