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Chapter Analysis
Intermediate19 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में स्थायी परिसंपत्तियों के मूल्य में समय के साथ आने वाली कमी, ह्रास, प्रावधान और संचयन के सिद्धांतों पर चर्चा की गई है। यह अकाउंटिंग में डिप्रेसीएशन का महत्व, इसके विभिन्न प्रकारों, और किस प्रकार सही तरीके से प्रबंधन करना चाहिए, इसे समझाता है। यह बताता है कि कैसे डिप्रेसीएशन और प्रावधान बनाकर उचित आर्थिक स्थिति को बनाए रखा जा सकता है।
Key Topics
- •डिप्रेसीएशन के प्रकार
- •प्रावधानों का निर्माण
- •संचयन का महत्व
- •स्थायी परिसंपत्तियों की उपयोगिता
- •अर्थशास्त्रीय मूल्यांकन के तरीकों
- •लेखांकन के सिद्धांत और नियम
Learning Objectives
- ✓डिप्रेसीएशन और इसके प्रकारों को समझना
- ✓प्रावधानों की आवश्यकता और महत्व का अध्ययन
- ✓स्थायी परिसंपत्तियों के प्रबंधन के लिए उपाय सीखना
- ✓लेखांकन में संचयन की भूमिका का विश्लेषण करना
- ✓वित्तीय विवरणों में सही डिप्रेसीएशन अंकीयंजनों का उपयोग करना
Questions in Chapter
स्थायी परिसंपत्तियाँ किन प्रकार की होती हैं?
Answer: स्थायी परिसंपत्तियाँ वह होती हैं जो व्यवसाय में एक लेखा वर्ष से अधिक अवधि तक उपयोग की जाती हैं।
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डिप्रेसीएशन के मुख्य सिद्धांत क्या हैं?
Answer: डिप्रेसीएशन के मुख्य सिद्धांतों में परिसर की उपयोगिता में गिरावट और समय के साथ उसके मूल्य में कमी शामिल है।
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Additional Practice Questions
डिप्रेसीएशन की गणना के तरीकों पर एक उदाहरण के साथ चर्चा करें।
mediumAnswer: डिप्रेसीएशन की गणना के लिए सबसे सामान्य तरीका सीधा रेखांकित विधि है, जहाँ मूल मूल्य में से अवशिष्ट मूल्य घटाकर कुल उपयोगिता वर्ष से भाग दिया जाता है। जैसे, यदि उपकरण की मूल कीमत 1,00,000 रुपये हो और 5 वर्ष के बाद अवशिष्ट मूल्य 10,000 रुपये हो, तो वार्षिक डिप्रेसीएशन 18,000 रुपये होगा।
प्रावधान कैसे बनाये जाते हैं और उनका लाभ क्या है?
easyAnswer: प्रावधान संभावित खातों की हानि को ध्यान में रखते हुए बनाए जाते हैं ताकि भविष्य में आने वाले संभावित खर्च के लिए पहले से ही तैयारी की जा सके। यह लेखांकन में पारदर्शिता और सटीकता बनाए रखने में सहायक होता है।