Chapter 9: कबीर

Hindi - Antra • Class 11

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Chapter Analysis

Intermediate6 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में कबीर के जीवन और उनकी रचनाओं का विवेचन किया गया है। कबीर ने अपने दोहों और साखियों के माध्यम से समाज में व्याप्त धार्मिक पाखंड और जात-पात के भेदभाव का कड़ा विरोध किया। उनकी रचनाओं में भक्ति, ज्ञान, प्रेम, और समता के संदेश मिलते हैं। कबीर का साहित्य मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देता है और अंतःकरण को जागरूक करने के लिए प्रेरित करता है।

Key Topics

  • कबीर की जीवन गाथा
  • समाज सुधार
  • धार्मिक पाखंड का विरोध
  • जात-पात का खंडन
  • भक्ति और ज्ञान का समन्वय
  • मानवीय मूल्य

Learning Objectives

  • कबीर की रचनाओं को पढ़कर उनके समाज सुधार के विचारों को समझना।
  • कबीर की भक्ति धारा के मूल सिद्धांतों को जानना।
  • धार्मिक पाखंड के प्रति कबीर के दृष्टिकोण को विश्लेषित करना।
  • कबीर की भाषा शैली और उसके प्रभाव को जानना।

Questions in Chapter

‘वज्र bu nksogqu jkg u ikbZ’ से कबीर का क्या अर्थ है और वो किस मार्ग की बात कर रहे हैं?

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इस देश में अनेक धर्म, जाति, भाषा और संस्कृति के लोग रहते थे – फिर भी कबीर ने मानव और मानवता की ही बात क्यों करते हैं?

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‘गंजू की गानुकब्जी देखी तब कबीर क्या कहना चाहते हैं? वो उनकी किन विशेषताओं की बात करते हैं?

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‘कौन मार्ग एक जाई’ का प्रश्न कबीर के समक्ष भी था। क्या इस तरह का प्रश्न आज समाज में उपस्थित है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

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‘कल्याण आओ हमारे घर हो’ में कवि किसका आह्वान कर रहा है और क्यों?

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‘अनु अन्य हकों जहाँ न बाँके’ का क्या कारण है? ऐसी स्थिति क्यों हुई है?

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‘कबीर को गा संघठन, ताने सारंग को सुजी’ से कवि का क्या अर्थ है? स्पष्ट कीजिए।

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कबीर संकीर्तन परंपरा के कवि हैं और यह पद (कल्याण आओ हमारे घर हो) सच्चे प्रेम की ओर इंगित करता है। इसके बारे में अपने विचार लिखिए।

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उदाहरण देते हुए दोनों पदों का भाव-संयोजन और शैली-संयोजन लिखिए।

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Additional Practice Questions

कबीर के दोहे मानवता और सामाजिक रूढ़ियों पर प्रहार करते हैं। एक दोहे का उदाहरण देकर समझाइए।

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Answer: कबीर के दोहे 'जात-पात पूछे नहीं कोई, हरि को भजसे सो हरि का होई' से यह स्पष्ट होता है कि कबीर जाति-पाति के भेदभाव को नहीं मानते और सभी को एक समान मानते हैं।

कबीर की भक्ति और ज्ञान की धारा के समन्वय के बारे में चर्चा कीजिए।

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Answer: कबीर की भक्ति धारा निष्काम भक्ति पर आधारित है जिसमें प्रेम महत्वपूर्ण है। उनका ज्ञान कीरा ज्ञान और भक्तियोग का अद्वितीय संगम है।

कबीर के अनुसार ईश्वर की प्राप्ति का सही मार्ग क्या है? एक चर्चा कीजिए।

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Answer: कबीर के अनुसार, ईश्वर की प्राप्ति का सही मार्ग सत्य और प्रेम है। वे बाह्य आडंबरों का खंडन करते हैं और आत्मबोध व भक्ति को ईश्वर तक पहुँचने के साधन मानते हैं।

कबीर ने किस प्रकार से धार्मिक पाखंडों का विरोध किया?

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Answer: कबीर ने अपने दोहों में तीखे शब्दों का उपयोग कर धार्मिक पाखंडों पर प्रहार किया। उन्होंने ढोंगी पुरोहित और मौलवीयों की कड़ी आलोचना की।

कबीर की भाषा और शैली की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

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Answer: कबीर की भाषा सरल, व्यंग्यात्मक और प्रभावशाली है। उन्होंने जनभाषा का प्रयोग कर सटीकता और प्रभावोत्पादकता में वृद्धि की।