Chapter 11: अथ शिक्षां प्रवक्ष्यामि

Sanskrit - Bhaswati • Class 11

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Chapter Analysis

Intermediate10 pages • Hindi

Quick Summary

अथ शिक्षां प्रवक्ष्यामि अध्याय में शिक्षा के महत्व, उसके उद्देश्यों और समाज में उसकी भूमिका पर प्रकाश डाला गया है। यह अध्याय विद्यार्थी को शिक्षित करने के साथ-साथ उसके चरित्र निर्माण पर भी जोर देता है। इसमें संस्कार एवं मूल्यों का विकास करने की दिशा में शिक्षा का अनूठा योगदान बताया गया है।

Key Topics

  • शिक्षा का महत्व
  • चरित्र निर्माण
  • नैतिकता और मूल्य
  • समाज में शिक्षा की भूमिका
  • व्यक्तित्व विकास
  • संस्कार एवं संस्कृति

Learning Objectives

  • विद्यार्थियों को शिक्षा के महत्व को समझाना
  • चरित्र निर्माण की आवश्यकता बताना
  • समाज में शिक्षा की भूमिका को परिभाषित करना
  • नैतिकता और मूल्यों का विकास करना
  • विद्यार्थियों में संस्कारों का समावेश करना

Questions in Chapter

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Additional Practice Questions

शिक्षा का मुख्य उद्देश्य क्या है?

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Answer: शिक्षा का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास और समाज के प्रति उसकी जवाबदेही स्थापित करना है।

शिक्षा का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?

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Answer: शिक्षा समाज की नैतिकता, संस्कृति और मूल्यों का संवर्धन करती है जिससे सामूहिक विकास होता है।

विद्यार्थियों के लिए मूल्य शिक्षा क्यों आवश्यक है?

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Answer: मूल्य शिक्षा विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण में सहायक होती है और उन्हें नैतिक और सदाचारी बनाती है।

शिक्षक की भूमिका क्या होनी चाहिए?

medium

Answer: शिक्षक की भूमिका मार्गदर्शन कर विद्यार्थी को स्वतंत्रता के साथ अपने आप में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करने की होती है।

शिक्षा में संस्कारों का क्या महत्व है?

medium

Answer: संस्कार शिक्षा का अभिन्न अंग हैं जो व्यक्ति में नैतिक और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना जागृत करते हैं।