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Chapter Analysis
Intermediate10 pages • HindiQuick Summary
अथ शिक्षां प्रवक्ष्यामि अध्याय में शिक्षा के महत्व, उसके उद्देश्यों और समाज में उसकी भूमिका पर प्रकाश डाला गया है। यह अध्याय विद्यार्थी को शिक्षित करने के साथ-साथ उसके चरित्र निर्माण पर भी जोर देता है। इसमें संस्कार एवं मूल्यों का विकास करने की दिशा में शिक्षा का अनूठा योगदान बताया गया है।
Key Topics
- •शिक्षा का महत्व
- •चरित्र निर्माण
- •नैतिकता और मूल्य
- •समाज में शिक्षा की भूमिका
- •व्यक्तित्व विकास
- •संस्कार एवं संस्कृति
Learning Objectives
- ✓विद्यार्थियों को शिक्षा के महत्व को समझाना
- ✓चरित्र निर्माण की आवश्यकता बताना
- ✓समाज में शिक्षा की भूमिका को परिभाषित करना
- ✓नैतिकता और मूल्यों का विकास करना
- ✓विद्यार्थियों में संस्कारों का समावेश करना
Questions in Chapter
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Additional Practice Questions
शिक्षा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
mediumAnswer: शिक्षा का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास और समाज के प्रति उसकी जवाबदेही स्थापित करना है।
शिक्षा का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
hardAnswer: शिक्षा समाज की नैतिकता, संस्कृति और मूल्यों का संवर्धन करती है जिससे सामूहिक विकास होता है।
विद्यार्थियों के लिए मूल्य शिक्षा क्यों आवश्यक है?
easyAnswer: मूल्य शिक्षा विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण में सहायक होती है और उन्हें नैतिक और सदाचारी बनाती है।
शिक्षक की भूमिका क्या होनी चाहिए?
mediumAnswer: शिक्षक की भूमिका मार्गदर्शन कर विद्यार्थी को स्वतंत्रता के साथ अपने आप में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करने की होती है।
शिक्षा में संस्कारों का क्या महत्व है?
mediumAnswer: संस्कार शिक्षा का अभिन्न अंग हैं जो व्यक्ति में नैतिक और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना जागृत करते हैं।