Chapter 2: समाजशास्त्र में प्रयुक्त शब्दावली, संकल्पनाएँ एवं उनका उपयोग

Sociology - Samaj Shastra Parichay • Class 11

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Chapter Analysis

Intermediate19 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में 'समाजशास्त्र में प्रयुक्त शब्दावली, संकल्पनाएँ एवं उनका उपयोग' के माध्यम से विभिन्न समाजशास्त्रीय अवधारणाएँ और उनके प्रयोगों की चर्चा की गई है। समाज और व्यक्ति के बीच अंतरक्रियाओं की समझ के लिए विशेष शब्दावली की आवश्यकता पर बल दिया गया है। सामाजिक संरचनाओं और विविधताओं का विश्लेषण किया गया है, जिससे सामाजिक अनुशासन के महत्त्व को समझाया गया है। साथ ही, सामाजिक व्यवस्थाओं और उनके प्रभाव को गहराई से समझने के लिए इन संकल्पनाओं का प्रयोग अनिवार्य बताया गया है।

Key Topics

  • समाजशास्त्र में प्रयुक्त शब्दावली
  • सामाजिक संरचना और गतिशीलता
  • विभिन्न सामाजिक संस्थाओं का विश्लेषण
  • सामाजिक विचारधाराएँ और मान्यताएँ
  • भूमिकाएँ और स्थिति
  • समूह और उनके प्रकार
  • समाजशास्त्र की अवधारणाएँ

Learning Objectives

  • समाजशास्त्र में प्रयुक्त विशेष शब्दावली की समझ की आवश्यकता का बोध करना।
  • व्यक्ति और समाज के बीच मौजूद अंतरक्रियाओं की समझ प्राप्त करना।
  • विभिन्न सामाजिक संरचनाओं और उनकी गतिशीलता का विश्लेषण करना।
  • समाजिक संस्थाओं के कार्य और उनके प्रभाव को समझना।
  • सामाजिक भूमिकाओं और उनकी जटिलताओं को पहचानना।
  • समाजीकरण और सामाजिक कंट्रोल के महत्त्व को समझना।

Questions in Chapter

समाजशास्त्र में हमें विशेष शब्दावली और संकल्पनाओं के प्रयोग की आवश्यकता क्यों होती है?

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समाज के सदस्य के रूप में आप समूहों में और विभिन्न समूहों के साथ अंतरक्रिया करेंगे। समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से इन समूहों को आप कैसे देखते हैं?

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अपने समाज में विद्यमान स्तरीकरण की व्यवस्था के बारे में आपका क्या परिप्रेक्ष्य है?

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सामाजिक प्रबंधन क्या है? क्या आप सोचते हैं कि समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक प्रबंधन के प्रबंधन स्तर अलग-अलग होते हैं?

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विभिन्न भूमिकाओं और स्थितियों को पहचानिए जिन्हें आप निभाते हैं और जिनमें आप स्थित हैं। क्या आप सोचते हैं कि भूमिकाएँ और स्थितियाँ बदलती हैं?

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Additional Practice Questions

सामाजिक प्रबंधन के अंतर्गत आने वाली मुख्य गतिविधियाँ कौन-कौन सी होती हैं?

medium

Answer: सामाजिक प्रबंधन के अंतर्गत शामिल गतिविधियाँ समाज के सदस्यों के व्यवहार को नियमितीकृत करने के तरीके हैं। इसमें नियमों का निर्माण और उन्हें लागू करना, सामाजिक भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का निर्धारण करना, और सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से सामाजिक आदेश स्थापित करना शामिल होता है।

समाजशास्त्र में शब्दावली की भूमिका क्या होती है?

easy

Answer: समाजशास्त्र में, विशेष शब्दावली व्यक्ति और समाज के बीच संवाद करते समय अवधारणाओं को स्पष्ट रूप से संप्रेषित करने में सहायता करती है। इनके माध्यम से जटिल सामाजिक प्रक्रियाओं की व्याख्या और समझ को सटीक ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है।

विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के कार्यों की चर्चा कीजिए।

hard

Answer: सामाजिक संस्थाएँ समाज की मूलभूत इकाइयाँ होती हैं जो समाज के कार्य करने के तरीके को प्रभावित करती हैं। जैसे कि परिवार, शिक्षा संस्थान, धार्मिक संगठनों के माध्यम से मूल्य और मान्यताएँ संरक्षित की जाती हैं। ये संस्थाएँ सामूहिक पहचान और सामाजिक एकरूपता की भावना को बढ़ाती हैं।

समाज में भूमिकाओं के जटिल स्वरूप का वर्णन कीजिए।

medium

Answer: समाज में भूमिकाएँ व्यक्ति के द्वारा निभाई जाने वाली अपेक्षाओं और कर्तव्यों का संग्रह होती हैं। ये भूमिकाएँ समय और प्रस्थिति के साथ बदलती हैं। व्यक्तिगत चुनौतियाँ और सामाजिक दवाब भूमिकाओं के विकास में महत्वपूर्ण होते हैं।

आपके विचार से समाज कैसे कार्य करता है?

easy

Answer: समाज समान विचारधाराओं, मूल्यों और लक्ष्यओं को साझा करने वाले व्यक्तियों और समूहों के भौतिक और अमूर्त सम्मिलन से संचालित होता है। जैसा कि व्यक्ति और समाज के बीच परस्पर सामाजिक क्रियाएँ होती हैं, वे सामाजिक संरचना और व्यवस्था को मजबूत बनाते हैं।