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Chapter Analysis
Advanced20 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में मेंडेल के आनुवांशिकी सिद्धांतों को समझाया गया है, जो विभिन्न आनुवंशिक गुणों के अनुवांशिकता पर आधारित हैं। मेंडेल के प्रयोगों द्वारा अत्यधिक प्रभावशाली विवरण दिए गए हैं, जो विभिन्न गुणों के संयोजन और उनकी विविधता के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। इसके अलावा, आनुवांशिकता के अन्य नियम और विधियों का भी इस अध्याय में विश्लेषण किया गया है।
Key Topics
- •मेंडेल के नियम
- •विरासत के सिद्धांत
- •आनुवांशिकी लक्षण
- •पर्यावरण और आनुवांशिकी
- •जीन और गुणसूत्र
- •आनुवंशिक विविधता
Learning Objectives
- ✓मेंडेल के आनुवांशिकी के मूल सिद्धांतों को समझना
- ✓आनुवांशिक लक्षणों के प्रसारण के तरीकों का विश्लेषण करना
- ✓वंशानुगत विविधता की अवधारणा को सीखना
- ✓आनुवांशिकी और पर्यावरण के संबंध को पहचानना
Questions in Chapter
वंशगति संबंधी सिंद्वांत किस प्रकार कार्य करते हैं?
Answer: वंशगति के सिंद्वांत मुख्य रूप से मेंडेल के खोजों पर आधारित हैं, जो कि उनकी खासियत और गुणों की विविधता पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
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मेंडेल ने कितने प्रकार के आनुवांशिक गुण बताए?
Answer: मेंडेल ने कुल तीन प्रकार के आनुवांशिक गुण बताए थे जो कि उनके प्रयोगों में दर्शाए गए हैं।
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Additional Practice Questions
मेंडेल के दूसरे नियम का जीवजंतुओं पर क्या प्रभाव पड़ता है?
mediumAnswer: मेंडेल का दूसरा नियम विशेषत: स्वतन्त्र रूप से जीनों के वितरण के बारे में जानकारी देता है, जो कि परस्पर जुड़ी हुई आनुवांशिक लक्षणावली की स्वतंत्रता को दर्शाता है।
आनुवांशिकता और पर्यावरण के बीच किस प्रकार का संबंध होता है?
hardAnswer: आनुवांशिकता और पर्यावरण का संबंध सह-अस्तित्व पर आधारित होता है, जहाँ पर आनुवांशिकी लक्षण और पर्यावरणीय कारक मिलकर गुणों के निरूपण को प्रभावित करते हैं।
मेंडेल के प्रयोग किस प्रकार से पर्याप्त प्रमाणिक थे?
mediumAnswer: मेंडेल के प्रयोग अपने सुव्यवस्थित तरीके और पुनरावृत्ति की उच्च दर के कारण पर्याप्त प्रमाणिक माने जाते हैं, जिनमें उन्होंने विभिन्न गुणों के प्रसारण के लिए मटर के पौधों का प्रयोग किया।