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Chapter Analysis
Advanced30 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में आनुवंशिकता के आणविक आधार के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। इसमें डीएनए की संरचना, उसके कार्य और प्रोटीन संश्लेषण की प्रक्रियाओं को विस्तार से समझाया गया है। अध्याय में आनुवंशिक कोड, म्यूटेशन और जीवों की विविधता में डीएनए की भूमिका जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
Key Topics
- •डीएनए की संरचना
- •आनुवंशिक कोड
- •प्रोटीन संश्लेषण
- •म्यूटेशन
- •आरएनए के प्रकार
- •जेनेटिक इंजीनियरिंग
- •आनुवंशिक विविधता
Learning Objectives
- ✓डीएनए की संरचना और कार्य को समझना।
- ✓आनुवंशिक कोड की अवधारणा का ज्ञान प्राप्त करना।
- ✓प्रोटीन संश्लेषण की प्रक्रिया का विश्लेषण करना।
- ✓जेनेटिक इंजीनियरिंग के सिद्धांतों का अध्ययन करना।
- ✓आनुवंशिक म्युटेशन और उसके प्रभाव को समझना।
Questions in Chapter
1. निम्नलिखित डीएनए अणु को वर्णक्रम में अवरोही क्रम में लिखें: 5'-ATGCATGC-3'
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2. यदि एक आणविक चैनल बिना दीर्घकालिक परिवर्तन के होता है, तो उसे क्या कहा जाता है?
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Additional Practice Questions
श्री वाटसन और क्रिक द्वारा डीएनए की संरचना का खुलासा किस वर्ष किया गया था?
mediumAnswer: डीएनए की दोहरी हेलिक्स संरचना का खुलासा वाटसन और क्रिक ने 1953 में किया था।
आनुवंशिक कोड की विशेषताएँ क्या-क्या हैं?
hardAnswer: आनुवंशिक कोड की प्रमुख विशेषताएँ यह हैं कि यह तीन न्यूक्लियोटाइड्स का सेट है, जिसे 'कोडन' कहा जाता है। यह सार्वभौमिक होता है तथा इसमें अत्यधिक दीर्घता होती है।
डीएनए और आरएनए में अंतर स्पष्ट कीजिए।
easyAnswer: डीएनए में दोहरी हेलिक्स होती है जबकि आरएनए एकल हेलिक्स होती है। डीएनए में थाइमीन होता है जबकि आरएनए में यूरासिल होता है।
जेनेटिक इंजीनियरिंग में उपयोग होने वाले एंजाइमों के प्रकारों का वर्णन करें।
hardAnswer: जेनेटिक इंजीनियरिंग में उपयोग होने वाले मुख्य एंजाइम हैं- रेस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लिएस, लिगेज़, और पॉलिमरेज़। इनका उपयोग डीएनए को काटने, जोड़ने और संश्लेषण करने में होता है।
प्रोटीन संश्लेषण की प्रक्रिया को स्पष्ट करें।
mediumAnswer: प्रोटीन संश्लेषण में दो मुख्य चरण होते हैं: ट्रांसक्रिप्शन और ट्रांसलेशन। ट्रांसक्रिप्शन के दौरान डीएनए से आरएनए बनता है, और ट्रांसलेशन के दौरान आरएनए से प्रोटीन संश्लेषण होता है।