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Chapter Analysis
Intermediate18 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में प्रमुख रूप से उपसहसंयोजन यौगिकों की संरचना, उनके निर्देशांक, और इन्हें परिभाषित करने की रासायनिक विशेषताएँ को समझाया गया है। इसमें उपसहसंयोजन संख्या, संयोजन क्षेत्र की व्याख्या और संयोजन पॉलीहेड्रान की परिभाषा शामिल हैं। इसे रासायनिक अनुसंधान एवं उद्योग में उपयोग की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है।
Key Topics
- •उपसहसंयोजन संख्या
- •संयोजन क्षेत्र
- •संयोजन पॉलीहेड्रान
- •इलेक्ट्रॉनिक स्प्लिटिंग
- •उपसहसंयोजन यौगिकों के प्रकार
- •स्थायित्व और स्थिरता
Learning Objectives
- ✓उपसहसंयोजन यौगिकों की संरचना को समझना।
- ✓संयोजन संख्या और उनके महत्व को पहचानना।
- ✓संयोजन क्षेत्र और पॉलीहेड्रान के स्पेसियल अरेंजमेंट को विश्लेषित करना।
- ✓कैसे उपसहसंयोजन यौगिक विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं में भाग लेते हैं।
- ✓इलेक्ट्रॉनिक स्प्लिटिंग की घटना और उसके प्रभावों का अध्ययन करना।
Questions in Chapter
5.23 फेनाइल्थियोज्यूरिया और इथाइल डायमाइन के संयोजन से किस प्रकार की उत्पत्ति होगी?
Page 145
5.24 [Co(en)3]Cl2 का IUPAC नाम क्या होगा?
Page 146
5.25 Fe(CN)6]3- का इलेक्ट्रॉनिक संयोजन क्या होगा?
Page 147
Additional Practice Questions
उपसहसंयोजन यौगिक किस प्रकार के होते हैं?
mediumAnswer: उपसहसंयोजन यौगिक सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं: स्थायित्व आधारित और रासायनिक गुण आधारित। स्थायित्व आधारित यौगिक स्थिर होते हैं क्योंकि उनमें रासायनिक संयोजन कवर होते हैं।
उपसहसंयोजन नम्बर क्यों महत्वपूर्ण है?
mediumAnswer: उपसहसंयोजन नम्बर उस यौगिक की स्थायित्व और विशिष्ट रासायनिक संरचना का निर्धारण करने में सहायक होता है। इसके द्वारा यौगिक की संयोजन एल्गोरिदम और पॉलीहेड्रान के प्रकार का पता लगाया जा सकता है।
कौन-कौन से धातुएं उपसहसंयोजन यौगिक बनाती हैं?
mediumAnswer: मुख्यतः संक्रमण धातुएं जैसे कि लोहे, कोबाल्ट, निकेल और प्लेटिनम उपसहसंयोजन यौगिक बनाती हैं, क्योंकि उनके परमाणु बाहरी कक्ष में d ऑर्बिटल होते हैं।
उपसहसंयोजन के संयोजन क्षेत्र का स्प्लिटिंग क्यों होता है?
hardAnswer: उपसहसंयोजन के संयोजन क्षेत्र का स्प्लिटिंग d-ऑर्बिटल में इलेक्ट्रॉनिक विकिरण के कारण होता है। यह विकिरण ऑर्बिटल की ऊर्जा को अलग-अलग स्तरों में बाँट देता है।
स्थायी और अस्थायी उपसहसंयोजन यौगिकों में क्या अंतर है?
easyAnswer: स्थायी उपसहसंयोजन यौगिक अपेक्षाकृत अधिक स्थायित्व वाले होते हैं और उनके रासायनिक संयोजन देर तक स्थिर रहते हैं, जबकि अस्थायी यौगिक अस्थिर होते हैं और आसानी से टूट सकते हैं।