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Chapter Analysis
Advanced16 pages • HindiQuick Summary
यह अध्याय विभिन्न यात्रियों के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता है जिन्होंने प्राचीन और मध्यकालीन भारत की यात्रा की। इसे पूर्व और पश्चिम के लेखकों द्वारा लिखित यात्रा वृतांतों के माध्यम से भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक स्थिति का अवलोकन कराने का प्रयास किया गया है। इन विदेशी लेखकों ने अपने-अपने दृष्टिकोण से भारतीय समाज की विभिन्न पहलुओं और आस्थाओं का वर्णन किया। उनके विवरणों से इतिहासकारों को भारत की अतीत की गहरी समझ प्राप्त करने में मदद मिलती है।
Key Topics
- •भारतीय समाज की संरचना
- •वर्णव्यवस्था की आलोचना
- •धार्मिक स्थल और उनकी आस्था
- •विदेशी यात्रियों के दृष्टिकोण
- •सांस्कृतिक आदान-प्रदान
Learning Objectives
- ✓विदेशी लेखक भारत के किस पहलुओं का वर्णन करते हैं, इसे समझना
- ✓यात्रा वृत्तांतों के माध्यम से भारतीय इतिहास को आधुनिक दृष्टिकोण से देखना
- ✓वर्णव्यवस्था के प्रभावों का विश्लेषण करना
- ✓धार्मिक स्थलों के सामाजिक महत्व को पहचानना
Questions in Chapter
फ्रांसिस्को बर्नियर द्वारा भारतीय समाज के बारे में क्या टिप्पणियाँ की गई हैं?
Answer: बर्नियर ने भारतीय समाज को वर्णव्यवस्था में बँधा हुआ देखा और इसकी आलोचना की। उनका दृष्टिकोण यह था कि ऐसी व्यवस्था ने भारतीय समाज को सामाजिक गतिशीलता से वंचित किया है।
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फह्यान और ह्वेनसांग के समय के भारतीय समाज में क्या विशेषताएँ थीं?
Answer: इन यात्रियों ने भारतीय समाज में धार्मिक आस्थाओं के महत्व को उजागर किया। वे बताते हैं कि किस तरह से भारतीय समाज आस्था और पवित्रता के उच्च स्तर को महत्व देता था।
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Additional Practice Questions
बर्नियर के यात्रा वृत्तांत के आधार पर भारतीय समाज की संरचना का वर्णन करें।
mediumAnswer: बर्नियर के अनुसार, भारतीय समाज की संरचना मुख्यतः वर्णव्यवस्था पर आधारित थी, जिसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अभाव था। उनके लेखों से ज्ञात होता है कि यह सामाजिक संरचना व्यक्तिगत प्रतिभा और पहल के मार्ग में बाधक थी।
फह्यान और ह्वेनसांग के अनुभवों के आधार पर उस समय के भारत में धार्मिक स्थलों का महत्व क्या था?
hardAnswer: फह्यान और ह्वेनसांग ने भारतीय धार्मिक स्थलों की उपासना पद्धतियों का विस्तृत वर्णन दिया है। वे बताते हैं कि ये स्थल न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन के केंद्र भी थे, जहाँ विविध संस्कृतियों का संगम होता था।