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Chapter Analysis
Intermediate20 pages • HindiQuick Summary
यह अध्याय भक्ति और सूफी परंपराओं के उद्भव और विकास का वर्णन करता है। इसमें मध्य काल में धार्मिक सहिष्णुता और धार्मिक समाज में अहम बदलाव जैसे विषयों का उल्लेख है। भक्ति आंदोलन ने आरंभिक साम्प्रदायिकताओं और धार्मिक सीमाओं को पार किया, और प्रेम एवं समानता पर बल दिया। सूफीवाद ने भारतीय समाज के धार्मिक ढांचे में उदार दृष्टिकोण का समावेश किया।
Key Topics
- •भक्ति आंदोलन का उद्भव
- •सूफीवाद का प्रभाव
- •धार्मिक सहिष्णुता
- •सामाजिक समरसता
- •भक्ति कवियों के योगदान
- •सूफी साहित्य का विकास
Learning Objectives
- ✓भक्ति और सूफी आंदोलन के सार को समझना
- ✓धार्मिक सहिष्णुता के महत्व को जानना
- ✓भक्ति कवियों की साहित्यिक योगदान को सीखना
- ✓सूफी शिक्षाओं का समाज पर प्रभाव देखना
Questions in Chapter
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Additional Practice Questions
भक्ति आंदोलन ने किस प्रकार धार्मिक सीमाओं को तोड़ा?
mediumAnswer: भक्ति आंदोलन ने प्रेम और समानता के माध्यम से धार्मिक और सामाजिक सीमाओं को पार किया। इस आंदोलन ने भक्तों को जातिवादी विचारधारा से उपर उठाकर ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ति की ओर प्रेरित किया।
सूफी संतों का भारतीय संस्कृति में क्या योगदान रहा?
mediumAnswer: सूफी संतों ने भारतीय संस्कृति में सहिष्णुता और सदभावना का प्रसार किया। उनके विचारों ने समाज में धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया, जिससे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच संवाद स्थापित हुआ।